Bastar: नक्सल प्रभावित इलाके का यह सरकारी स्कूल हुआ हाईटेक, 4 शिक्षकों की पहल पर शुरू हुआ स्मार्ट क्लास
Chhattisgarh News: ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद इस स्कूल के शिक्षकों ने दिल्ली के सरकारी स्कूल के तर्ज पर यहां के बच्चों को सुविधा मुहैया कराई है. सभी कक्षा में सीसीटीवी कैमरे और स्पीकर लगाए गए हैं.
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Chhattisgarh Government School News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर में मौजूद एक सरकारी स्कूल स्मार्ट क्लास की मिसाल पेश कर रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद इस स्कूल के शिक्षकों ने दिल्ली के सरकारी स्कूल के तर्ज पर यहां के बच्चों को सुविधा मुहैया कराई है. जिसके चलते यहां के बच्चे ना सिर्फ बेहतर शिक्षा ले पा रहे हैं, बल्कि इन्हें हर तरह की सुविधाएं मिल रही है. बस्तर जिले का यह पहला स्कूल है जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र में होने के बावजूद किसी निजी स्कूलों की सुविधाओं से कम नहीं है.
4 शिक्षकों के पहल पर बना रोल मॉडल
बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित इलाका लौंहडीगुड़ा ब्लॉक के बेलर के पेदापारा में मौजूद प्राथमिक शाला इन दिनों सभी सरकारी स्कूलों का रोल मॉडल बना हुआ है. इस प्राथमिक शाला में 4 शिक्षकों ने मिलकर स्कूल को तकनीकी रूप से अत्याधुनिक बना दिया है. सभी कक्षा में सीसीटीवी कैमरे और स्पीकर लगाए गए हैं, जिसका नियंत्रण प्रिंसिपल के ऑफिस से हो रहा है. अगर कक्षा में बच्चे या शिक्षकों को कोई सूचना या सलाह देनी हो तो कंट्रोल रूम से ही माइक के जरिए दिया जा रहा है.
यही नहीं अलग-अलग क्लास के लिए कमान की भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए स्मार्ट क्लास में वीडियो क्लिप्स के माध्यम से भी और प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है. इस स्कूल में इस व्यवस्था को बनाने में स्कूल के प्रिंसिपल पूरन सिंह परिहार, शिक्षक कुशनु राम बघेल, रामाराम मंडावी और फुलेश्वर सिंह रात्रे की अहम भूमिका है.
बच्चे चलाते हैं खुद का मनी बैंक
स्कूल के प्रिंसिपल पूरन सिंह परिहार ने बताया कि स्कूल के सभी बच्चे अंदरूनी ग्रामीण क्षेत्रों के हैं जो तकनीकी शिक्षा से वंचित थे. ऐसे में इस स्कूल के छात्रों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के तर्ज पर शिक्षा देने के लिए स्कूल के 3 शिक्षकों ने यह पहल की, इसका अच्छा प्रतिसाद भी मिला है. यहां के बच्चे बेहतर शिक्षा भी ले रहे हैं, इसके अलावा उन्होंने बताया कि स्कूल में शिक्षकों की पहल पर बच्चों का स्वयं का मनी बैंक भी है. जिसमें बच्चे हर महीने अपनी सुविधानुसार पैसे जमा करते हैं और इस राशि का उपयोग स्वयं की गतिविधियों के लिए करते हैं.
स्कूल में हर एक छात्र का जन्मदिन पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है और उसका खर्च भी बच्चे खुद अपने मनी बैंक से खर्च करते हैं. इस स्कूल की पूरे जिले भर में जमकर तारीफ हो रही है. जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि आने वाले समय में जिले के अंदरूनी क्षेत्र के स्कूलों को इसी स्कूल के तर्ज पर विकसित किया जाएगा.
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