Bastar Strike News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में बना हुआ है. पहले ही 72 इंटर्नशिप डॉक्टर के सेवा समाप्त होने और यहां से चले जाने के बाद अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. वहीं दूसरी तरफ अस्पताल के सफाई कर्मचारियों के भी सामूहिक रूप से हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल के अंदर गंदगी पसरी हुई है. जिससे मरीजों और उनके परिजनों का बुरा हाल हो रहा है. दरअसल वेतन नहीं देने और साप्ताहिक अवकाश की मांग को लेकर लगभग 200 से अधिक सफाई महिला कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं.
200 से अधिक महिला कर्मचारी हड़ताल पर
हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों का कहना है कि बीते 1 साल से बगैर वेतन दिए उनसे काम करवाया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन ने एक निजी ठेका कंपनी को सफाई की जिम्मेदारी सौंपी है लेकिन इस निजी ठेका कंपनी के द्वारा न ही समय पर वेतन दिया जाता है और ना ही उन्हें कोई वीकली ऑफ मिलता है. पिछले कई सालों से इसकी मांग करने के बावजूद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अस्पताल प्रबंधन को भी कई बार गुहार लगाने के बावजूद उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है.
जारी रहेगा हड़ताल
जिसके चलते उन्होंने सामूहिक रूप से हड़ताल पर बैठने का निर्णय लिया. बीते कुछ दिनों से अस्पताल परिसर के सामने सभी सफाई कर्मचारी तंबू गाड़कर हड़ताल पर बैठ गए हैं, जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक हड़ताल जारी रखने की बात कही है.
संक्रमण फैलने का खतरा
इधर सामूहिक रूप से सभी सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से हॉस्पिटल में पसरी गंदगी से संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. अस्पताल के सभी वार्डो में गंदगी पसरी हुई है. आंदोलन कर रहे सफाई कर्मचारियों के समर्थन में कुछ राजनीतिक दल भी कूद चुके हैं. आने वालों तीन दिनों के अंदर वेतन दिए जाने की समय सीमा तय की गई है, इसके बाद भी ठेका कंपनी वेतन नहीं देती तो आंदोलनरत कर्मचारियों को न्याय मिलने तक आंदोलन को उग्र स्वरूप दिए जाने की बात राजनीतिक दलों के नेताओं ने कही है.
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