Bijapur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर में नक्सली संगठन ने एक बार फिर सरकार पर आदिवासी अंचलों में ड्रोन से हमले (Drone Attack) करने का आरोप लगाया है. नक्सलियों ने पर्चा जारी किया है. माओवादी संगठन की दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता और नक्सली कमांडर समता ने सुकमा और बीजापुर (Bijapur) जिले के बॉर्डर में करीब 4 किलोमीटर के दायरे में हवाई बमबारी करने का आरोप लगाया है. नक्सलियों की प्रवक्ता समता ने अपने पर्चे में लिखा है कि हालांकि इस बमबारी से कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन सरकार और पुलिस पर आदिवासियों पर अत्याचार करने और जंगल को नष्ट करने का आरोप समता ने लगाया है.


दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता और नक्सली कमांडर समता की तरफ से जारी इस प्रेस नोट में लिखा गया है कि बीते 13 जनवरी को सुकमा और बीजापुर जिले के बॉर्डर में मौजूद मेंट्टागुड़ा, एर्रानपल्ली ,बोट्टेतोंग के खेतों और जंगलों में ड्रोन से बमबारी की गई है और करीब तीन से चार किलोमीटर के दायरे में लगातार एक के बाद एक बम गिराए गए हैं, इस हवाई हमले के विरोध में इस क्षेत्र के आदिवासियों ने 13 जनवरी को काला दिवस के रूप में मनाया. नक्सली प्रवक्ता समता ने यह भी आरोप लगाया है कि खुद को आदिवासियों का हितैषी बताने वाली केंद्र और राज्य सरकारों की पुलिस आदिवासियों पर ही ड्रोन से हमले कर रही है और जंगलों को बर्बाद कर रही है.


दो गांव के जंगलों में ड्रोन से बमबारी का लगाया आरोप
समता ने लिखा है कि जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी है तब से बस्तर के अंदरूनी इलाकों में हवाई हमले तेज हो गए हैं. साल 2021 से जंगलों और गांव में बमबारी करने का सिलसिला जारी है. छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद आदिवासी जनता का लगातार दमन किया जा रहा है. यही नहीं बस्तर के अंदरूनी इलाकों में सैकड़ों की संख्या में पुलिस कैंप खोले गए हैं और यहां के जंगलों को नष्ट किया जा रहा है और अब लगातार ड्रोन से हमले भी तेज कर दिए गए हैं. 


आईजी ने आरोपों को बताया झूठ
इधर बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. आईजी का कहना है कि फोर्स द्वारा ड्रोन से हमले नहीं किए गए हैं, दरअसल पिछले कुछ सालों से माओवादी संगठन कमजोर हो रहा है और उनके बड़े लीडरों की मौत के बाद संगठन पूरी तरह से बिखर गया है. नक्सली संगठन में युवाओं की भर्ती भी बंद हो गई है. अंदरूनी इलाके में विकास होने से नक्सलियों का जनाधार कम हुआ है, इस वजह से इस तरह के अनर्गल आरोप नक्सली लगा रहे हैं. पिछले कुछ सालों से ग्रामीणों का पुलिस के प्रति विश्वास बड़ा है. इसी को देखते हुए आदिवासियों को सामने लाकर नक्सली ड्रोन से हमले करने जैसे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.


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