Bastar News: पर्यटकों को लुभा रही है बस्तर की देसी होम स्टे, रिजॉर्ट को भी छोड़ा पीछे, जानिए इसकी खासियत
Bastar Division: छत्तीसगढ़ के बस्तर में पर्यटन बरसात में घूमने जाते हैं. इन पर्यटकों के लिए बस्तर प्रशासन लगातार काम करती है. यहां बस्तर की देसी होम स्टे लोगों को काफी लुभा रही है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ का बस्तर साल के 12 महीनों पर्यटकों से गुलजार रहता है. केवल देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक बस्तर घूमने पहुंचते हैं और यहां की प्राकृतिक सौंदर्य और खूबसूरत वॉटरफॉल्स को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. बस्तर संभाग के सातों जिले खूबसूरत पर्यटन स्थल के लिए जाने जाते हैं. बरसात में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है क्योंकि बारिश के मौसम में बस्तर में मौजूद सभी वाटरफॉल्स अपने शबाब पर होते हैं और इसे देखने दूरदराज से लोग बस्तर पहुंचते हैं.
वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन बस्तर में लगातार प्रयास कर रही है और इन प्रयासों में से एक होम स्टे कॉन्सेप्ट पर्यटकों को काफी लुभा रही है.
आदिवासी कल्चर से भरपूर है होम स्टे
संभाग के सभी जिलों में बाहर से आने वाले पर्यटकों को होम स्टे की सुविधा प्रशासन के द्वारा मुहैया कराई जा रही है. इस होमस्टे में बस्तर के आदिवासी ग्रामीणों के परिवेश के साथ ही लोकल स्वादिष्ट व्यंजन और आदिवासी कल्चर में पर्यटको को अपना समय गुजारने के लिए पूरी तरह से मौका दिया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक संभाग के सातों जिलों में 50 से अधिक होम स्टे की सुविधा पर्यटकों के लिए प्रशासन मुहैया कराई है और 100 से अधिक होम स्टे की सुविधा का लक्ष्य रखा गया है. सभी जिलों के कलेक्टर का कहना है कि होम स्टे से ना केवल पर्यटकों को बस्तर और आदिवासी कल्चर के बारे में जानने का मौका मिलेगा, बल्कि ज्यादा से ज्यादा स्थानीय ग्रामीणों को भी रोजगार मिलेगा. बस्तर संभाग के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले स्थानीय ग्रामीण होम स्टे बनाकर पर्यटकों के लिए सारी सुविधा मुहैया कराएंगे और इससे उनको अच्छी आय भी होगी.
आदिवासी ग्रामीणों को मिल रहा रोजगार
हालांकि पर्यटकों के लिए जगदलपुर शहर के अलावा बाकी जिलों में भी लॉज और होटल की सुविधा है. साथ ही प्रशासन के द्वारा सरकारी और प्राइवेट रिसोर्ट भी तैयार किया गया है लेकिन पिछले कुछ महीनों से बस्तर घूमने आने वाले पर्यटकों को होम स्टे काफी लुभा रही है. आदिवासी खानपान और रहन-सहन और उनकी जीवनशैली को देखकर भारत के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी काफी आकर्षित हो रहे हैं और होमस्टे में अपना समय बिता रहे हैं.
इधर ग्रामीणों का भी कहना है कि होम स्टे से उन्हें रोजगार मिलने के साथ आय भी हो रही है. साथ ही दूरदराज से पहुंचने वाले पर्यटक भी काफी प्रभावित हो रहे हैं. इधर लगातार होम स्टे को अच्छा रिस्पांस मिलने से पर्यटन स्थल वाले आसपास के ग्रामीण अंचलों में ज्यादा से ज्यादा होम स्टे बनाने की तैयारी प्रशासन कर रही है.