बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ हाईटेक तकनीक का होगा इस्तेमाल, इजरायली रडार कैसे करेगा काम?
Israeli Radar: बस्तर में इजरायली रडार से अब नक्सलियों की कमर तोड़ने के लिए तैयारी शुरू हो गयी है. एंटी नक्सल ऑपरेशन को मिल रही सफलता के बाद नई रणनीति के तहत कदम उठाया गया है.
Chhattisgarh Anti Naxal Operation: बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने कमर कस ली है. छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद एंटी नक्सल ऑपरेशन को लगातार सफलता मिल रही है. बस्तर को जल्द से जल्द नक्सल मुक्त करने के लिए नई रणनीति और हाईटेक संसाधनों का उपयोग भी किया जा रहा है. इसी कड़ी में इजरायली रडार से नक्सलियों पर नजर रखने की योजना बनाई गई है. बस्तर के घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में इजरायली रडार से नक्सलियों की हलचल को कैमरे में कैद किया जाएगा.
इजरायली रडार का कनेक्शन सेंट्रल कंट्रोल रूम से होगा. अब तक आतंकी संगठनों पर नजर रखने के लिए भारत में इजरायली रडार का इस्तेमाल होता आ रहा है. अब इजरायली रडार से मिली जानकारी के आधार पर नक्सल विरोधी अभियान की रूपरेखा तैयार की जायेगी. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय की बैठक में इजरायली रडार के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी मिलने की उम्मीद है. हाल ही में सुरक्षा अधिकारियों की बैठक हुई थी. बैठक में नक्सलियों पर नजर रखने और एंटी नक्सल ऑपरेशन में इजरायली रडार का इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया.
अब नक्सलियों के खिलाफ होगा इजरायली रडार का इस्तेमाल
छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने भी सहमति जताई है. रडार घने जंगलों के बीच नक्सलियों की हलचल को कैमरे में कैद कर पुलिस और सुरक्षा एजेंसी तक पहुंचायेगा. बस्तर के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रडार का कनेक्शन सीधे सेंट्रल कंट्रोल रूम से होगा. सेंट्रल कंट्रोल रूम से नक्सल विरोधी ऑपरेशन चलाए जाएंगे. नक्सली क्षेत्रों में अलग-अलग स्थान पर लगे रडार से तस्वीर सेंट्रल कंट्रोल रूम को मिलेगी. तस्वीर के आधार पर नक्सल विरोधी अभियान की रूपरेखा तय की जाएगी. इजरायली रडार घने जंगलों में जमीन पर होने वाली गतिविधियों का पता आसानी से लगाने की क्षमता रखता है. साथ ही स्पष्ट फोटो भी रडार ले सकता है.
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