Chhattisgarh News: हैदराबाद (Hyderabad) में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल (Viral Video) हो रहा है. इसमें एक 4 साल के मासूम बच्चे की आवारा कुत्तों ने काट काट कर जान ले ली है. इस घटना से अब छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में भी दहशत का माहौल है. जगदलपुर (Jagdalpur) नगर निगम द्वारा आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाने के चलते बस्तर में भी इस तरह के हादसे होने का डर बना हुआ है. वहीं जगदलपुर के अस्पतालों में भी हर दिन डॉग बाइट्स के मामले सामने आ रहे हैं और लोगों में इन आवारा कुत्तों से दहशत का माहौल बना हुआ है. नगर निगम संसाधनों की कमी का रोना रो रहा है और इन्हें पकड़ने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है.


लिखित शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं
कुत्तों को इंसान का सबसे वफादार साथी कहा जाता है, लेकिन जब ये वफादार साथी आक्रामक हो जाएं तो किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं. हैदराबाद में मंगलवार को दिल दहला देने वाली घटना के बाद अब लोगों के मन में भी आवारा कुत्तों को लेकर डर बना हुआ है. वहीं बस्तर में डॉग बाइट के भी बढ़ते मामले ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. इस वजह से लोग इन आवारा कुत्तों से बचाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. 


जगदलपुर शहर के संजय मार्केट में रहने वाले व्यवसायी मोहसिन खान का कहना है कि मार्केट में आवारा कुत्तों के झुंड से लोग परेशान हैं जो हर आते जाते लोगों पर हमला कर रहे हैं. इन आवारा कुत्तों के काटने की वजह से सरकारी अस्पतालों में काफी संख्या में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीज पहुंच रहे हैं. इन आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए कई बार लिखित में भी नगर निगम को शिकायत दी गई है, बावजूद इसके अब तक निगम अमले द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे रात होते ही इन आवारा कुत्तों के झुंड का आतंक बढ़ जाता है और कोई भी राहगीर इन सड़कों से नहीं गुजरता है. ऐसी कई घटनाएं भी हो चुकी हैं जिसमें इन आवारा कुत्तों के दौड़ाने की वजह से लोग सड़क हादसे का शिकार हुए हैं और कई लोग कुत्तों के हमले से घायल भी हुए हैं.


हर दिन अस्पताल पहुंच रहे 20-25 मरीज
महारानी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर संजय प्रसाद का कहना है कि जिले के सरकारी अस्पतालों में हर दिन 20 से 25 लोग कुत्तों के हमले से घायल होकर पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से एंटी रेबीज इंजेक्शन भी अधिक मात्रा में मंगाई गई है. कुत्तों के काटने से ऐसे कई लोग घायल होकर आते हैं जिनकी हालत काफी गंभीर रहती है. कोशिश की जाती है कि कुत्ते के हमले से घायल मरीज को जल्द से जल्द बेहतर इलाज मिल सके.


पूरे 48 वार्डों में है आवारा कुत्तों का आतंक
इधर जगदलपुर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 48 वार्ड के लोगों का कहना है कि उनके वार्डों में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. रात होते ही कुत्तों के आतंक की वजह से लोग अपने घर से बाहर निकलने में भी डरते हैं. कई बार पुरुष, महिला और बच्चे भी इन कुत्तों का शिकार हुए हैं. पार्षद से लेकर निगम की महापौर से भी गुहार लगाने के बावजूद अब तक इन आवारा कुत्तों की समस्या से छुटकारा नहीं मिल पाया है और दिन-ब-दिन इनकी संख्या भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में उनके घर में रहने वाले छोटे बच्चों को लेकर हमेशा डर बना रहता है. आलम यह है कि शाम होते ही इन आवारा कुत्तों का झुंड गली मोहल्ले में दिखने लगता है.


नगर निगम के पास नहीं हैं कोई संसाधन
इधर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि उन्हें भी कुत्तों के हमले की कई बार शिकायत मिल चुकी है, लेकिन निगम के अधिकारी भी मानते हैं कि इन आवारा कुत्तों के धरपकड़ के लिए ना ही उनके पास साधन है और ना ही कोई ऐसा वाहन है. ऐसे में कभी कभी काऊ कैचर वाहन में इन कुत्तों को जंगलों में छोड़ा जाता है, लेकिन अधिकारियों का भी मानना है कि निगम प्रशासन के पास इन आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए ना ही कोई पर्याप्त संसाधन हैं और ना ही मैन पॉवर है. ऐसे में इन आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे  है.


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