Chhattisgarh: कछुआ गति से चल रहा जगदलपुर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण, 2020 में होना था पूरा, अभी इतना करना होगा इंतजार
Bastar Hospital Construction : 10 मंजिलों के इस कंस्ट्रक्शन में कैंसर यूनिट, ट्रामा सेंटर, बर्न सेंटर, सिम्स छात्रावास, डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवास सहित और भी सुविधाएं मुहैया कराई जानी हैं.
Jagdalpur Super Specialty Hospital: छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर (Raipur) में स्थित डीकेएस मॉडल (DKS Model) की तर्ज पर बस्तर (Bastar) संभाग के मुख्यालय जगदलपुर (Jagdalpur) में भी करोड़ों रुपये की लागत से बनाए जा रहे मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (Super Specialty Hospital) का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है. आलम यह है कि साल 2018 में शुरू हुआ निर्माण कार्य पांच साल बीतने के बाद भी पूरा नहीं हो सका है. इस कारण लोगों का इंतजार लंबा खिंचता जा रहा है.
2020 में ही पूरा होना था काम
जानकारी के मुताबिक साल 2020 नवंबर महीने तक इस हॉस्पिटल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाना था, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते पांच साल से इस हॉस्पिटल का निर्माण कार्य चल ही रहा है. हालांकि अब जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि हॉस्पिटल का निर्माण कार्य करीब 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है. इस साल के अंत तक बचा 15 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद आने वाले 2024 के मार्च या अप्रैल महीने से इस हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी.
550 बेड का होगा अस्पताल
दरअसल, प्रदेश में सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए करीब 220 करोड़ की लागत से 255 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शहर से लगे डिमरापाल गांव में तैयार किया जाना है. इसमें 120 करोड़ रुपये स्ट्रक्चर पर और 100 करोड़ रुपए के आधुनिक उपकरण लगाए जाने हैं. इसके साथ ही साथ 550 स्टाफ की भर्ती भी की जानी है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 220 करोड़ के रुपए की लागत से बन रहे इस हॉस्पिटल में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को देनी है.
मिलेंगी ये सुविधाएं
10 मंजिलों के इस कंस्ट्रक्शन में कैंसर यूनिट, ट्रामा सेंटर, बर्न सेंटर, सिम्स छात्रावास, डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवास सहित और भी सुविधाएं मुहैया कराई जानी हैं. इसके अलावा यहां सुपर स्पेशलिटी कोर्सेज की पढ़ाई भी शुरू की जानी है, ताकि राज्य में सुपर स्पेशलिटी डॉक्टर की कमी दूर हो सके. लेकिन, इस हॉस्पिटल का निर्माण कार्य शुरू हुए पांच साल बीत चुके हैं. बावजूद इसके अब तक हॉस्पिटल का स्ट्रक्चर ही पूरा नहीं बन पाया है. हालांकि, जिम्मेदार अधिकारी इस साल के अंत तक इस हॉस्पिटल के स्ट्रक्चर का काम पूरा कर लेने का दावा कर रहे हैं.
रेफर सेंटर बने सरकारी अस्पताल
रायपुर के बाद बिलासपुर और जगदलपुर में राज्य का दूसरा और तीसरा शासकीय मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है, जो सिम्स से बिल्कुल अलग है. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत बनाए जा रहे इस हॉस्पिटल में ओपीडी, आईपीडी, आपातकालीन चिकित्सा के अलावा गहन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी. यहां बस्तर संभाग के अलावा छत्तीसगढ़ और देशभर के मरीजों को सरकारी दर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.
इस 10 मंजिले सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हार्ट स्पेशलिस्ट से संबंधित मेडिसिन, किडनी रोग से संबधित सभी मेडिसिन और इसके अलावा मस्तिष्क रोग से संबंधित मेडिसिन और न्यूरोलॉजी विभाग और न्यूरो सर्जरी विभाग की यहां सुविधा रहेगी. कार्डियोलॉजी नेफ्रोलॉजी समेत अन्य विभाग का भी संचालन होगा और इसके विशेषज्ञ भी तैनात रहेंगे.
बस्तरवासियों को काम पूरा होने का इंतजार
फिलहाल बस्तरवासियों को इस हॉस्पिटल के पूरी तरह से बनने का इंतजार है. वर्तमान में बस्तर जिले में मौजूद डिमरापाल हॉस्पिटल रेफर सेंटर बन गया है. इसके चलते यहां मरीजों को रायपुर, आंध्र प्रदेश, विशाखापट्टनम या हैदराबाद बेहतर इलाज के लिए रेफर करना पड़ता है. समय पर इलाज नहीं मिलने से कई लोगों की जान भी चली जाती है. इधर, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की सुविधा के लिए एक से डेढ़ साल बस्तर वासियों को और इंतजार करना पड़ सकता है.
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