Bastar News Today: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में मानसून मेहरबान है और यहां बारिश का सिलसिला जारी है. बारिश के साथ ही डेंगू, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. हर रोज बस्तर संभाग में इन दिनों गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के मिलने की पुष्टि हो रही है. 


बस्तर जिले में मलेरिया से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा एक हजार के पार पहुंच गया है. दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर में भी डेंगू और मलेरिया का कहर जारी है. गंभीर बीमारी के चपेट में आने से बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान भी अछूते नहीं हैं. 


नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मलेरिया का कहर
अंदरूनी क्षेत्रों में एंटी नक्सल ऑपरेशन के लिए बनाए गए अस्थाई पुलिस कैंपों में रहने वाले जवान डेंगू और मलेरिया की चपेट में आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि संभाग के सातों जिलों में तैनात जवान मलेरिया से पीड़ित मिल रहे हैं. कई कैंपों और अस्पतालों में इन जवानों का  ईलाज जारी है.


नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 7 जिलों में 1 लाख से भी अधिक सुरक्षा बल तैनात हैं, जो नक्सलियों से सभी मोर्चे पर लोहा ले रहे हैं. इन जवानों को विषम परिस्थिति में नक्सलियों के खिलाफ एंटी ऑपरेशन चलाकर ग्रामीणों के साथ-साथ अपने जानमाल की भी सुरक्षा करनी पड़ती है. 


जवानों को किया गया अलर्ट
बारिश के मौसम में बस्तर में तेजी से डेंगू और मलेरिया ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. ऐसे में अब जवानों को नक्सलियों के साथ-साथ इन दिनों गंभीर बीमारियों से भी लड़ना पड़ रहा है. खासकर घने जंगलों में बनाए गए अस्थाई पुलिस कैंपों में जवानों के ऊपर इस बीमारी के चपेट में आने का ज्यादा खतरा बना हुआ है. 


जवानों को हर दिन इन्हीं घने जंगलों में गश्ती पर जाना पड़ता है. बरसात के मौसम में भी ऑपरेशन मानसून जारी रहता है, ऐसे में इन इलाकों में पनपते मच्छरों से जवानों को काफी सावधान रहना पड़ता है. 


बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि डेंगू और मलेरिया के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए संभाग के सभी कैंपों में जवानों को अलर्ट किया गया है. साथ ही इस बीमारी की चपेट में आने से बचने के लिए सावधानी बरतने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि इसके साथ पर्याप्त मात्रा में दवाइयों के साथ-साथ संसाधन भी पुलिस कैंपों में मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं. 


डेंगू से दो जवानों की मौत
आईजी ने बताया कि इस साल डेंगू से नारायणपुर में एसटीएफ के एक जवान और कांकेर में डीआरजी के एक जवान की मौत हो गई है. दूसरी तरफ कुछ पुलिस कैंपों में भी जवानों के मलेरिया के चपेट में आने की जानकारी मिली है.


फिलहाल उनका इलाज जारी है और उनकी स्थिति सामान्य बनी हुई है. आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक, बेहतर मेडिकल सुविधा मिले इसके लिए पुलिस कैंपों में इंतजाम किया गया है, भयावह परिस्थितों में उनकी तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है.


फिलहाल जवानों को और अंदरूनी क्षेत्रों में खुले सभी पुलिस कैंपों में दोनों गंभीर बीमारी से बचने के लिए पूरी तरह से सावधानी बरतने को कहा गया है.


20 जवान मलेरिया पॉजिटिव
एंटी नक्सल ऑपरेशन से वापस लौटने वाले जवानों का मलेरिया जांच किया जाता है. एक महीने पहले ही नारायणपुर में ऑपरेशन से वापस लौटे जवानों की टोली में से 20 जवान मलेरिया से पॉजिटिव पाए गए. जिन्हें बस्तर ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराकर इलाज किया गया था. 


यही नहीं बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, कांकेर में भी ऑपरेशन से वापस लौटने वाले जवानों का मलेरिया जांच किया जाता है. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बरसात के मौसम में लार्वा के मच्छर पनपते हैं, जिनके काटने से डेंगू जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है.


स्वास्थ्य विभाग ने उपलब्ध कराए जरुरी संसाधन
हालांकि पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर जवानों को मच्छरदानी वितरण करने के साथ ही ओडोमॉस और जरूरी संसाधन स्वास्थ्य विभाग की टीम के जरिये मुहैया कराया गया है.


किसी भी जवान के मलेरिया या डेंगू की चपेट में आने पर उनके तुरंत इलाज की व्यवस्था की गई है. हालांकि इस साल डेंगू से दुर्भाग्यवश दो जवानों की मौत हो गई है.


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