छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में भी जूनियर डॉक्टर और सविंदा डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. डॉक्टरों के हड़ताल के 3 दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक सरकार ने उनकी मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है, जिसके चलते लगातार जूनियर डॉक्टर अपने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं ,लेकिन इस हड़ताल का सबसे ज्यादा खामियाजा अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. आलम यह है कि अस्पताल के कई वार्डो में डॉक्टर नहीं है, जिसके चलते गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है.
यही नहीं पूरा अस्पताल वार्ड बॉय पर निर्भर हो गया है. अस्पताल के सीनियर डॉक्टर भी केवल ड्यूटी टाइम पर ही अपनी सेवा दे रहे हैं, जिसके बाद दोपहर से लेकर रात तक जूनियर और संविदा डॉक्टरों के अभाव में अस्पतालों के वार्ड में सन्नाटा पसरा हुआ है. बस्तर संभाग के सबसे बड़े डिमरापाल अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है.
बस्तर में पहले ही निजी अस्पतालों की कमी बनी हुई है, वहीं निजी अस्पतालों में इलाज के लिए मोटी रकम चुकाने के चलते बस्तर के ग्रामीण सरकारी अस्पतालों पर इलाज के लिए निर्भर है, बावजूद इसके अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ सुविधा पूरी तरह से चरमराई हुई है.
जूनियर डॉक्टरों का दल मुख्यमंत्री से करेगा मुलाकात
दरअसल बस्तर जिले में भी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर और संविदा डॉक्टर वेतन में वृद्धि करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. हड़ताल के 3 दिन हो चुके हैं और इन 3 दिनों में दोनों जिला अस्पताल में अव्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है, शहर के महारानी अस्पताल में भी वार्ड बॉय के भरोसे मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं.
हालांकि सीनियर डॉक्टर जरूर ड्यूटी पर पहुंच रहे हैं लेकिन अपने तय समय से काम कर वापस लौट जा रहे हैं, जिसके बाद इमरजेंसी सेवा से लेकर अस्पतालों के वार्डों में डॉक्टर नहीं है, खासकर रात में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वह मरीजों की हालत को लेकर गंभीर जरूर हैं ,लेकिन सरकार को कई बार बोलने के बावजूद भी उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है, जिसके चलते उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा , उनका कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री ने भी उनकी मांगों को जायज ठहराया है, लेकिन अब तक मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं आया है. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि 25 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर पहुंच रहे हैं और उस दिन जूनियर डॉक्टरों का दल उनसे मुलाकात करेगा. फिलहाल जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से बस्तर में स्वास्थ्य सुविधा का काफी बुरा हाल है.
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