Kanger Valley National Park: बस्तर (Bastar) में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क (Kanger Valley National Park) में बीते कुछ महीनों से वन तस्करों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वो यहां बेशकीमती सागौन के पेड़ों की लगातार अंधाधुंध  कटाई कर रहे हैं. आलम यह है कि मुख्य सड़क से महज 100 मीटर की दूरी पर ही तस्करों ने 25 से ज्यादा सागौन के पेड़ की बलि चढ़ा दी है. बकायदा तस्करों ने मशीन से सागौन के पेड़ों की कटाई की है. 


वनों की रक्षा के लिए सालाना लाखों रुपये  खर्च करने का दावा करने वाले अधिकारी धड़ल्ले से काट रहे इन पेड़ों के तस्करों की धरपकड़ के लिए किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. केवल पर्यटन पर ही फोकस करते हुए सभी वन कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है, जबकि इस नेशनल पार्क में वनों की रक्षा के लिए एक भी वन कर्मचारी इस क्षेत्र में मौजूद नहीं है, जिसके चलते दिनदहाड़े यहां पेड़ों की कटाई हो रही है. काटे हुए पेड़ों के गठ्ठों को भी तस्कर आसानी से ले जाने में कामयाब हो रहे हैं.


कांगेर वैली नेशनल पार्क प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण
दरअसल, कांगेर वैली नेशनल पार्क प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है. यहां विभिन्न प्रजाति के वन्यजीवों के साथ बेशकीमती सागौन पेड़ के घने जंगल और प्राकृतिक संपदा  भी पाई जाती है. खासकर नेशनल पार्क होने की वजह से यहां एक पेड़ का पत्ता तोड़ना भी अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन जैव विविधता वाले इस पार्क में बीते कुछ महीनों से तस्कर आसानी से बेशकीमती सागौन पेड़ों की कटाई कर उनकी तस्करी कर रहे हैं. 


कोटमसर नाका से तीरथगढ़ जाने वाले रास्ते पर मुख्य सड़क से केवल 100 मीटर की दूरी पर ही तस्कर 25 से अधिक सागौन पेड़ की मशीन से कटाई कर चुके हैं. यही नहीं वो पेड़ों को गट्ठे में ले जाने में भी कामयाब हो गए. इस क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी विंसेंट जैकब  का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी अभी लगी है कि उनके क्षेत्र में सागौन के पेड़ की कटाई हुई है. वहीं इन जंगलों के सुरक्षा के सवाल पर उनका कहना है कि इस क्षेत्र में डिप्टी रेंजर समेत वन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. 


केवल पर्यटन पर ही फोकस
वहीं डिप्टी रेंजर भारती पितवास का भी कहना है कि, तस्करों के द्वारा पेड़ काटने की जानकारी उन्हें भी मिली है. पता लगाया जा रहा है कि किस क्षेत्र के तस्करों ने इसे अंजाम दिया है. बता दें कि, कि कांकेर वैली नेशनल पार्क में बीते कुछ महीनो से केवल पर्यटन पर ही फोकस किया जा रहा है, जिसके चलते यहां की वन की सुरक्षा हाशिये पर है. सभी वन कर्मचारियों की ड्यूटी पर्यटन पर लगाई जा रही है, लेकिन सागौन के पेड़ों की देखरेख और वनों की सुरक्षा के लिए मौके पर कोई भी वन कर्मचारी मौजूद नहीं रहता.


कांगेर वैली नेशनल पार्क में पेड़ काटना अपराध
बस्तर के जानकार करमजीत कौर का कहना है कि धड़ल्ले से इतनी बड़ी संख्या में बेशकीमती सागौन के पेड़ों को मशीन से काटकर उनकी तस्करी करना विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की संलिप्तता के बिना संभव नहीं है. इस मामले में कांगेर वैली नेशनल पार्क के निदेशक गणवीर धम्मशील का कहना है कि कांगेर वैली नेशनल पार्क में पेड़ काटना तो दूर एक पत्ता को भी तोड़ना अपराध की श्रेणी में आता है. अगर नेशनल पार्क के भीतर सागौन के पेड़ों की कटाई और उनकी तस्करी की जा  रही है, तो यह जरूर विभाग के लिए गंभीर विषय है.


एबीपी न्यूज द्वारा नेशनल पार्क में तस्करों द्वारा उन्हें पेड़ काटने की जानकारी देने के बाद उन्होंने नेशनल पार्क के एसडीओ कमल तिवारी को जांच अधिकारी बनाकर जल्द ही इस मामले की पूरी जांच और रिपोर्ट पेश करने को कहा है. गणवीर धम्मशील का कहना है कि अगर वनों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती गई है, तो जरूर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


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