Bastar: बेमौसम बारिश ने फसलों को पहुंचाया भारी नुकसान, ओने-पौने दामों पर मक्का बेचने को मजबूर किसान
Chhattisgarh: बस्तर में पिछले दिनों हुए बेमौसम बारिश की वजह से मक्का की खेती करने वाले सैकड़ो किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसान मक्का की फसल को ओने पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं.
Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश ने मक्के की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक संकट में डाल दिया है. बारिश ने बीते दिनों बस्तर के साथ-साथ कोंडागांव (Kondagaon),दंतेवाड़ा (Dantewada), बीजापुर (Bijapur) और सुकमा (Sukma) जिले में भी भारी तबाही मचाई. इस वजह से इन जिलों में सब्जियों के साथ साथ मक्के की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है.
कई इलाकों में तो मक्के की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. दरअसल, किसानों को उम्मीद थी कि मक्के की बिक्री तय समर्थन मूल्य पर होने से उन्हें अच्छा मुनाफा होगा, लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से मक्के के दाम में भारी गिरावट आई है. आलम यह है कि मक्के का दाम 2100 रुपये क्विंटल के समर्थन मूल्य से 1500 से 1400 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया है. यहीं नहीं दाम में गिरावट के बाद भी किसानों को अपने मक्के की फसल के लिए खरीददार ढूंढना पड़ रहा है.
ओने-पौने दाम में बेचना पड़ रहा मक्का
यही नहीं व्यापारियों द्वारा ओने-पौने दामों में मक्का की खरीदी करने से इस साल किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. इन सबके बीच किसान यही चाह रहे हैं कि उन्होंने मक्का की खेती में जो भी लागत लगाई है, कम से कम वो राशि तो उन्हें मिल जाए. दरअसल, खरीफ के बाद रबी सीजन में भी इस साल बस्तर के किसानों ने बड़े पैमाने पर मक्का की खेती की थी. उन्हें उम्मीद थी कि इस बार मक्के की फसल से अच्छा मुनाफा होगा, लेकिन अब आलम यह है कि किसानों को ओने-पौने दाम में मक्का बेचना पड़ रहा है.
1400 से 1500 रुपये में बिक रहा मक्का
इस मौके का फायदा व्यापारी भी उठा रहे हैं. वो भी इस मौके पर मनमानी करने से नहीं चूक रहे हैं. करीब 20 दिन पहले तक 2100 रुपये क्विंटल में बिकने वाली मक्के की फसल इन दिनों 1400 से 1500 रुपये में बिक रही है. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. कम लागत में अधिक मुनाफा मिलने के कारण मक्के की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है, लेकिन अब दाम नहीं मिलने के कारण उनमें मायूसी दिख रही है. पिछले साल की तुलना में इस साल रबी सीजन में बड़ी संख्या में किसानों ने मक्के की खेती की थी. इन दिनों किसान मक्के की तोड़ाई कर उसको बाजार में बेंच रहे हैं.
खराब मौसम का फसल पर पड़ा असर
मक्के की खरीदी करने वाले व्यापारी खराब मौसम के कारण इसके दाम में गिरावट दर्ज होने की बात कह रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि 20 दिन पहले जरूर 2100 प्रति क्विंटल के हिसाब से मक्के की खरीदारी की जा रही थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसकी फसल पर काफी असर पड़ा है. इसी वजह से इसके दाम गिरे हैं.
वहीं इस साल मक्के की खेती किए किसानों का कहना है कि उन्हें मक्का बेचने के लिए अब खरीददार ढूंढना पड़ रहा है. इस वजह से व्यापारी भी मनमानी कर रहे हैं. यही नहीं ओने-पौने दाम पर मक्के बिक्री करने के बाद भी किसानों को दो से तीन सप्ताह तक भुगतान का इंतजार करना पड़ रहा है.