Bastar Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट में कल (19 अप्रैल) को पहले चरण का मतदान होना है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से बस्तर में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराना चुनाव आयोग के लिए काफी चुनौती पूर्ण होती है यही वजह है कि नक्सलियों के गढ़ में जम्मू-कश्मीर के बाद सबसे ज्यादा यहां पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती गई है.
पैरामिलिट्री फोर्स के अलावा यहां तैनात छत्तीसगढ़ की स्पेशल फोर्स के कंधों पर इस चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की जिम्मेदारी होती है.
इस लोकसभा चुनाव में भी वायुसेवा के 6 MI-17 हेलीकॉप्टर, सैकड़ों की संख्या में वाहन और 60 हजार की संख्या में जवानों के सुरक्षा के बीच बस्तर में चुनाव संपन्न कराया जाएगा. इसको लेकर भी चुनाव आयोग ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है.
बस्तर लोकसभा क्षेत्र के 6 जिले में कल चुनाव होगा जिसमें बस्तर जिले के तीनों विधानसभा में सुबह 7 से 5 बजे तक मतदान का समय रखा गया है. इसके अलावा कोंडागांव में भी सुबह 7 से 5 बजे तक, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिले में सुबह 7:00 से 3:00 बजे तक मतदान का समय रखा गया है.
कड़ी सुरक्षा के बीच ईवीएम मशीन को रखा गया
चुनाव के तीन दिन पहले ही बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अति संवेदनशील इलाकों में बने मतदान केंद्र के लिए करीब 150 मतदान दलों को वायुसेना के MI 17 हेलीकॉप्टर से सुरक्षित इन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उतारा गया है,जहां इन मतदान कर्मियों को और ईवीएम मशीन के साथ पुलिस कैंप में ठहराया गया है.
कड़ी सुरक्षा के बीच एक-एक मतदान कर्मी और ईवीएम मशीन को सुरक्षित रखा गया है. इसके अलावा अन्य संसाधनों से भी सभी मतदान दलों को मतदान केंद्रों तक पहुंचाया गया है.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि लोकसभा चुनाव से ठीक 4 दिन पहले कांकेर जिले में भले ही जवानों को 29 हार्डकोर माओवादी को मुठभेड़ में मार गिराने में सफलता मिली है, लेकिन इसके बावजूद नक्सलियों की सक्रियता बस्तर लोकसभा के अलग-अलग जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में नजर आ रही है.
कई जगह नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार के पर्चे फेंके हैं और कुछ दिन पहले ही एक भाजपा नेता की हत्या कर दी है.
ऐसे में बस्तर पुलिस इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मतदान केंद्रों से लेकर अंदरूनी क्षेत्र के सभी सड़कों, सभी पुलिस कैंप और इसके अलावा हेलीपैड से लेकर मतदान कर्मी के सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं और चप्पे चप्पे पर बल तैनात किया गया है. आईजी ने बताया कि अति संवेदनशील इलाकों में सुरक्षित ईवीएम मशीन और मतदान कर्मियों को पहुंचाया गया है हालांकि उन्हें रात के वक्त कैंप में ही रखा जा रहा है.
इसके अलावा पोलिंग बूथ में भी 24 घंटे जवानों की ड्यूटी लगाई गई है, आईजी ने बताया कि कोशिश की जा रही है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सभी ग्रामीण मतदाता निर्भय होकर अपने मत का प्रयोग करने पोलिंग बूथ तक पहुंचे.
600 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र छावनी में तब्दील
इधर निर्वाचन अधिकारी विजय दयाराम ने तैयारियों के संबंध में बताया कि 19 अप्रैल को शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है, क़ड़ी सुरक्षा के बीच मतदान कर्मियों को पोलिंग बूथ तक पहुंचा दिया गया है और ईवीएम मशीन को भी पूरी तरह से सुरक्षित रखवाया गया है.
बस्तर लोकसभा संसदीय क्षेत्र में कुल 1957 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 600 के करीब संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र हैं, इसके अलावा नक्सल प्रभावित करीब 400 और राजनीतिक संवेदनशील 220 मतदान केंद्र हैं.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि 150 से ज्यादा मतदान दलों को सुरक्षित मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली गयी है, कुल 234 मतदान केंद्रों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है.
46 हजार युवा पहली बार करेंगे मतदान
निर्वाचन अधिकारी विजय दयाराम ने बताया कि 18 से 19 वर्ष के कुल 46 हजार 777 युवा इस बार पहली बार मतदान करेंगे. वहीं पूरे बस्तर लोकसभा संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख 66 हजार 337 है, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 6 लाख 98 हजार 197 है और वही महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 68 हजार 88 है.