Bastar: अबूझमाड़ से ढोल बजाते रायपुर के लिए निकले हजारों ग्रामीण, सीएम बघेल को सौंपेंगे ज्ञापन, जानिए पूरा मामला
Chhattisgarh News: बस्तर में हजारों ग्रामीण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने रायपुर कूच कर चुके हैं. सभी ग्रामीण नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके से हैं.
Bastar News: बस्तर (Bastar) में अबूझमाड़ (Abujmarh) इलाके के हजारों ग्रामीणों को विस्थापन का डर सता रहा है. अबूझमाड़ छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहा जाता है. माड़िया जनजाति (Madiya Tribal) के हजारों ग्रामीण अबूझमाड़ से राजधानी रायपुर (Raipur) कूच कर चुके हैं. रायपुर में ग्रामीण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) से मुलाकात करेंगे. सभी ग्रामीण नारायणपुर (Narayanpur) जिले के अबूझमाड़ इलाके से हैं. ग्रामीणों का कहना है कि रावघाट परियोजना और विभिन्न प्रस्तावित योजनाओं से केंद्र और राज्य सरकार जल, जंगल, जमीन का दोहन कर रही है.
अबूझमाड़ के हजारों ग्रामीणों को सता रहा विस्थापन का डर
पांचवीं अनुसूची लागू होने के बावजूद ग्रामसभा की अनुमति बिना बड़े-बड़े प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं. माड़िया जनजाति को विस्थापित करने में बड़े-बड़े उद्योगपतियों के साथ मिलकर सरकारें काम कर रही हैं. उन्होंने मांग की है कि माड़िया जनजाति को विलुप्त होने से बचाने के लिए अबूझमाड़ इलाके में तुरंत बड़ी बड़ी परियोजना का काम रोका जाए. साथ ही विकास के नाम पर वन संपदाओं का दोहन भी तत्काल बंद किया जाए और प्रस्तावित पुलिस कैंपों को तत्काल हटाया जाए.
ढोल बाजा और गीत गाकर विरोध प्रदर्शन करते रायपुर कूच
बस्तर की माड़िया जनजाति के हजारों ग्रामीण मांगों को लेकर अबूझमाड़ से करीब 400 किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं. ग्रामीण ढोल बाजा और गीत गाकर विरोध प्रदर्शन करते रायपुर निकले हैं. ग्रामीणों की मांग है कि छत्तीसगढ़ की माढ़िया जनजाति को विस्थापन करने से रोका जाए और अबूझमाड़ इलाके में विकास के नाम पर जल, जंगल जमीन का दोहन तत्काल बंद हो. साथ ही ग्रामीणों ने इलाके में पुलिस कैंप खोलने का भी विरोध किया है. ग्रामीणों के मुताबिक अबूझमाड़ इलाके के बेरहबेड़ा कच्चेपाल, मोहंदी और गरपा समेत कई जगह नये पुलिस कैंप खोलने की कोशिश की जा रही है.
सैकड़ों एकड़ में फैले वनों को बिना ग्रामसभा की अनुमति से काटा जा रहा है. ग्रामीणों को पुलिस कैंप और पर्यटक स्थल नहीं चाहिए. हजारों ग्रामीण रैली निकालकर शासन को ज्ञापन सौंप रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि पूरे अबूझमाड़ क्षेत्र में प्रस्तावित पुलिस कैंपों को हटाने, खदानों के समझौतों को रद्द करने की मांगों के लिए आंदोलन हो रहा है. माड़िया जनजाति को बचाने के लिए भय मुक्त वातावरण के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.