(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bastar: बस्तर में हड़ताल के कारण ठप पड़ी महतारी एम्बुलेंस सर्विस, गांवों में गर्भवती महिलाओं की बढ़ी मुश्किलें
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में महातारी एक्सप्रेस की एम्बुलेंस सेवा इन दिनों ठप पड़ी हुई है. इसका सबसे ज्यादा खामियाजा ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) जिले में 5 सूत्रीय मांगों को लेकर डायल 102 महतारी एक्सप्रेस (Mahatari Express) के पायलट और इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में प्रसुताओं के लिए इमरजेंसी सेवा (Emergency Service) पूरी तरह से ढप पड़ी है, जिस वजह से गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) के परिवार वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल महतारी एक्सप्रेस एंबुलेंस के जरिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल से घर और घर से अस्पताल लायाजाता है. खासकर ग्रामीण अंचलों में महतारी एक्सप्रेस गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे जरूरी साधन है, लेकिन 6 दिनों से यह सेवा पूरी तरह से ढप पड़ने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इधर स्वास्थ्य विभाग ने इन कर्मचारियों के हड़ताल को देखते हुए अब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है.
कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है तब तक वह वापस काम पर नहीं लौटेंगे. वहीं राज्य सरकार ने भी महतारी एक्सप्रेस के इन कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर अब तक कोई समाधान नहीं निकाला है जिस वजह से ग्रामीण अंचलों के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ के बस्तरवासी पहले ही स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी झेल रहे हैं.
इन मांगों को लेकर अड़े हैं कर्मचारी
हड़ताली कर्मचारियों की मांग है कि एम्बुलेंस सेवा की नई सेवा प्रदाता कंपनी के द्वारा जारी किए गए भर्ती विज्ञापन को निरस्त किया जाए, 10 सालों से सेवा में कार्य अनुभवी कर्मचारियों को उनके वर्तमान कार्य स्थल पर फिर से तैनात किया जाए और 2018 से शेष बचे कर्मचारियों का समायोजन किया जाए. साथ ही बकाया वेतन भुगतान भी किया जाए.
जच्चा-बच्चा की यहां जा सकती थी जान
हड़ताल के कारण दरभा क्षेत्र में साधन नहीं मिलने की वजह से गर्भवती महिला के परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लिहाजा काफी मशक्कत कर एक वाहन की व्यवस्था करने के बाद गंभीर अवस्था में महिला को अस्पताल पहुंचाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टरों ने कहा कि अगर कुछ समय और लगता तो जच्चा-बच्चा की जान जा सकती थी.
ये भी पढ़ें- chhattisgarh: बघेल सरकार ने किसानों को दी सौगात, बेहतर काम के लिए मल्लिकार्जुन खरगे ने थपथपाई पीठ