Bastar Student Stranded In Ukraine: यूक्रेन-रूस के इस युद्ध में फंसे छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) के भी बच्चे दहशत की जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव और सिटी विंशसिया में दहशत का माहौल बीते 3 दिनों से बना हुआ है. इसमें बस्तर जिले के भी लगभग 40 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं और अधिकतर छात्र यूक्रेन की राजधानी कीव में नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में हैं. रूस के द्वारा लगातार इस यूनिवर्सिटी के आसपास बम दागे जा रहे हैं और दोनों देशों की सेना के बीच जमकर गोलीबारी भी हो रही है, जिसके चलते दहशत का माहौल इस कदर है कि सायरन बजते ही सभी ये छात्र बंकर के नीचे छिप जाते हैं. फिलहाल हालात काफी खतरनाक हो गये हैं.
छात्रों के परिजनों में चिंता
वहां के इस हालात की यह जानकारी यूक्रेन में मेडिकल शिक्षा लेने गए जगदलपुर शहर के निवासी शेर सिंह तोमर के बच्चों ने दी. दरअसल दीप्ति और नेहाल पिछले 5 सालों से यूक्रेन के मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं. दोनों बच्चों ने अपने परिजन से हुए बातचीत के दौरान बताया कि कीव में काफी बुरे हालात हैं, डर के साए में उन्हें अपनी जिंदगी बितानी पड़ रही है. पीने के पानी से लेकर खाने पीने की सारी चीजें खत्म हो जाने से वे दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं. दहशत का आलम इस कदर है कि वह यूनिवर्सिटी से बाहर भी नहीं निकल रहे हैं और सायरन बजते ही बंकर के नीचे छुप जाते हैं. शेर सिंह तोमर ने बताया कि दीप्ति और नेहाल 2 साल पहले घर आए थे और उसके बाद फोन पर ही उनसे बातचीत होती रही है. वहीं इस तरह के हालात बनने के बाद वहां रह रहे छात्रों के साथ परिजनों में भी काफी डर बना हुआ है. जिसके चलते परिजनों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री से अपने बच्चों के सही सलामत घर वापस पहुंचाने की अपील की है.
शेर सिंह तोमर का कहना है कि युद्ध के दूसरे दिन यूनिवर्सिटी के बगल में ही रूस ने मिसाइल दागे जिससे यूनिवर्सिटी को भी क्षति पहुंची है, ऐसे में पल-पल उनके अंदर दहशत का माहौल है. वे दुआएं मांग रहे हैं कि उनके बच्चे जैसे भी सही सलामत घर पहुंच जाए, उनका कहना है कि जैसे-तैसे पैसे जोड़कर अपने बच्चों को बेहतर मेडिकल शिक्षा देने के लिए उन्होंने यूक्रेन भेजा था. लेकिन अब जिस तरह के हालात हैं, ऐसे में वे बस दुआ कर रहे हैं कि उनके दोनों बच्चे सही सलामत वापस लौट आएं.
बस्तर के 40 से अधिक बच्चे फंसे
जानकारी के मुताबिक बस्तर जिले से 40 से अधिक बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं. जगदलपुर शहर के दीप्ति और नेहाल के अलावा अमन सर्वेश भी हैं, जो हाल ही में 17 जनवरी को एमबीबीएस की शिक्षा लेने यूक्रेन गए है. अमन के पिता एन.डी सर्वेश ने बताया कि उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि यूक्रेन में इस तरह के हालात होंगे. ऐसे में वे खुद भी दहशत भरी जिंदगी जी रहे हैं, उन्हें पल-पल अपने बेटे की चिंता सता रही है. उन्होंने भी देश के प्रधानमंत्री से अपील की है कि उनके बेटे समेत सभी भारतीय छात्रों को सही सलामत भारत लें आएं. अमन उनका इकलौता बेटा है ऐसे में जिस तरह के यूक्रेन में हालात देखने को मिले हैं ऐसे में पल-पल उसकी चिंता सता रही है.
छात्रों ने वीडियो जारी कर की अपील
जगदलपुर शहर के निवासी दीप्ति और नेहाल ने वीडियो जारी कर बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी में 3 दिनों में केवल 1 दिन ही उन्होंने खाना बनाकर खाया और अब खाने-पीने के सारे सामान खत्म हो गए हैं. वह बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं. बंकर में क्षमता से अधिक स्टूडेंट को रखा गया है, ऐसे में सिर्फ अपने घर आने की ही चिंता उन्हें सता रही है. उन्होंने बताया कि बाहर ना टैक्सी से चल रही है ना कोई साधन है, जिससे कि वह कीव से बाहर निकल कर यूक्रेन के बॉर्डर तक पहुंच पाएं, वहीं अब तक उन्हें निकालने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है. ऐसे में उन्होंने देश के प्रधानमंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जल्द से जल्द उन्हें और उनके साथ फंसे सभी भारतीय छात्रों को निकालने की मार्मिक अपील की है.
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