Bastar Weather Update: मौसम विभाग ने बस्तर में अगले 48 घंटों के लिए जारी किया अलर्ट, जानिए किन जिलों में होगी बारिश
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानसून की विदाई के दिनों में जमकर बारिश हो रही है. पिछले 3 दिनों से बस्तर के 6 जिलों में झमाझम बारिश से एक बार फिर आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
Bastar Rain: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में मानसून की विदाई के दिनों में जमकर बारिश हो रही है. पिछले 3 दिनों से बस्तर के 6 जिलों में झमाझम बारिश से एक बार फिर आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. इस बारिश से सबसे ज्यादा बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा (Dantewada), बस्तर, बीजापुर (Bijapur) और सुकमा (Sukma) जिला प्रभावित हुआ. शुक्रवार से ही घने बादल छाए रहने के साथ झमाझम बारिश हो रही है. मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और इससे लगे उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी का उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश से दक्षिण तटीय उड़ीसा के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है.
इसके साथ ही एक ऊपरी हवा के चक्रिय चक्रवाती घेरे के भी अगले 36 घंटे में प्रबल होने की संभावना है. इस वजह से बस्तर संभाग के 6 जिलों में अगले 48 घंटों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया. साथ ही आने वाले 3 से 4 दिनों के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए बस्तर के 4 जिलों मे भारी बारिश की चेतावनी जारी की.
इस साल 10 सालों का टूटा रिकॉर्ड
मौसम विज्ञानी एच. पी चंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर संभाग में अगले 48 घंटों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया. इसके तहत संभाग के कई इलाकों में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है. सबसे ज्यादा दंतेवाड़ा, बस्तर, बीजापुर, सुकमा जिला इस बारिश से प्रभावित होंगे. वहीं उन्होंने बताया कि अगले 4 से 5 दिनों तक ऊपरी चक्रवात घेरा बने होने की वजह से इसका असर बस्तर संभाग में देखने को मिलेगा और कुछ दिनों तक बारिश होती रहेगी. वहीं उन्होंने बताया कि अगले 48 घंटों के लिए मूसलाधार बारिश को लेकर प्रशासन को भी अलर्ट रहने के आदेश दिए गये.
सूखे इलाकों में हुई जमकर बारिश
बस्तर के भूगर्भ शास्त्री अभितांशु शेखर झा और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बस्तर में 10 सालों के बाद बारिश का रिकॉर्ड टूटा. इस साल बारिश से अत्यधिक रिकॉर्ड दर्ज की गई. हालांकि यह बारिश शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों के लिए फायदेमंद हो सकती है. जिन इलाकों में सूखा घोषित होने की संभावना बनी हुई थी उन इलाकों में जमकर बारिश हुई जिस वजह से भूजल स्तर भी बढ़ गया है. ऐसे में आने वाले कुछ सालों तक बस्तर में सूखे की स्थिति नहीं के बराबर बनी रह सकती है.