MNREGA Workers Strike: छत्तीसगढ़ में मांगों को लेकर शासकीय और अर्धशासकीय कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं. वनकर्मियों के अनिश्चित हड़ताल पर जाने के बाद अब मनरेगा कर्मी भी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. मनरेगा कर्मियों के हड़ताल से मनरेगा का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है. बस्तर संभाग के लगभग 2 हजार मनरेगा अधिकारी कर्मचारी और रोजगार सहयक संघ ने अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है. सरकार से आंदोलनरत मनरेगा कर्मियों की 2 सूत्रीय मांग है.


सरकार ने आज तक नहीं पूरा किया चुनावी वादा


आंदोलनकारियों ने बताया कि चुनावी घोषणा पत्र में मनरेगा अधिकारी-कर्मचारियों को नियमितीकरण करने का वादा किया गया था. लेकिन सरकार की तरफ से किया गया वादा आजतक पूरा नहीं हो पाया है. अधिकारियों कर्मचारियों ने अनिश्चतकालीन हड़ताल का मन बना लिया है. उन्होंने चेतावनी दी कि मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी. हड़ताल से मनरेगा के कामकाज प्रभावित होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है प्रदेशभर में 25 लाख लोगों को रोजगार मिलता था. पिछले चार-पांच दिनों से रोजगार मिलने का काम शून्य पर आकर रुक गया है.


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हड़ताल से मनरेगा में रोजगार का काम शून्य पर


हड़ताल से छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है और ग्रामीण रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं. कर्मचारियों ने धमकी दी कि मांग सरकार पूरी नहीं करती है तो ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत होने वाले सभी विकास कार्य ठप हो जाएंगे. ग्रामीणों को भी रोजगार मनरेगा में नहीं मिल सकेगा. आंदोलनकारी मनरेगा कर्मियों ने सरकार को चेताया कि जल्द से जल्द 2 सूत्रीय मांग को पूरा किया जाए वरना नतीजा भुगतने को तैयार रहे. बस्तर संभाग के 7 जिलों से बड़ी संख्या में मनरेगा अधिकारी कर्मचारियों और रोजगार सहायकों के हड़ताल का असर साफ दिख रहा है. 


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