Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar News) दौरे पर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और कोंडागांव के विधायक मोहन मरकाम (Mohan Makram) ने धर्मांतरण (Conversion) के मुद्दे को लेकर बीजेपी (BJP) नेताओं पर निशाना साधा है. मोहन मरकाम ने कहा कि बस्तर में कागजों में धर्मांतरण नहीं बढ़ रहा है. बीजेपी के लोग अपने आपको आदिवासियों का हितैषी बताकर वोट बैंक बनाने में जुटे हुए हैं. वे धर्मांतरण बढ़ने का झूठा प्रचार कर रहे हैं.


'आदिवासियों से कोई लगाव नहीं'
मोहन मकराम ने कहा कि बीजेपी का आदिवासियों के प्रति कोई लगाव नहीं है, जबकि कांग्रेस हमेशा से ही आदिवासियों की हितैषी रही है. कांग्रेस धर्मांतरण के नाम पर आदिवासियों के बीच खोट डालने का काम नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग चाहे जितने भी सपने देख लें, लेकिन इस बार के चुनाव में भी बस्तर की 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की ही जीत हो रही है. पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में भी बस्तर के आदिवासी कांग्रेस का ही साथ दे रहे हैं.


'सरकारी रिकॉर्ड में नहीं बढ़ा धर्मांतरण'
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी जगदलपुर में राहुल गांधी की संसद से सदस्यता समाप्त करने को लेकर केंद्र सरकार के इस रवैये के खिलाफ प्रेस वार्ता की. उन्होंने एबीपी लाइव से खास बातचीत भी की. मोहन मरकाम ने कहा कि बस्तर की 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पूरी तरह से मजबूत है.


कांग्रेस में कहीं कोई गुटबाजी नहीं है. इस बार भी सभी 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है. बस्तर में बढ़ते धर्मांतरण के सवाल पर मोहन मरकाम ने कहा कि बीजेपी के ही बयानबाजी में धर्मांतरण रहा है, बल्कि कागजों में धर्मांतरण बढ़ने का ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है. बीजेपी के लोग मुद्दा विहीन हो गए हैं. 


'बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं'
मनोज मकराम ने कहा कि बीजेपी के पास विपक्ष में रहते हुए कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है. इसलिए धर्मांतरण की झूठी अफवाह फैलाकर बस्तर में शांत माहौल को खराब करना चाह रहे हैं. सरकारी रिकॉर्ड में कांग्रेस सरकार के पिछले 4 साल के कार्यकाल में कहीं भी धर्मांतरण बढ़ने के मामले नहीं आए हैं. बस्तर में जो भी धर्मांतरण हुए हैं, वह सिर्फ बीजेपी शासनकाल में हुए हैं.


उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग बस्तर में आदिवासी समुदाय के बीच धर्मांतरण के नाम पर खोट डाल रहे हैं. उन्हें आपस में लड़ाने का प्रयास कर रहे हैं. नारायणपुर में हुई घटना इसका जीता जागता उदाहरण है. इस वजह से नारायणपुर के बीजेपी जिलाध्यक्ष जेल में हैं.


'आदिवासी क्षेत्र में सुविधाओं का हुआ विकास'
इस बार के चुनाव में इस मुद्दे को लेकर आदिवासियों के बीच जाने के सवाल पर मोहन मरकाम ने कहा कि पिछले 4 साल के कार्यकाल में प्रदेश कांग्रेस के सरकार में आदिवासियों का सबसे ज्यादा उत्थान हुआ है. मुख्यमंत्री ने आदिवासियों के हितों में कई बड़ी घोषणाएं करने के साथ उनके क्षेत्र में सड़क ,पुल, पुलिया और जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए हैं.


यही नहीं कई कल्याणकारी योजनाएं भी आदिवासियों के लिए संचालित हो रही हैं, जिस वजह से बस्तर के आदिवासी कांग्रेस की सरकार से काफी खुश हैं. यही वजह है कि आने वाले चुनाव में भी जगदलपुर की सामान्य सीट के साथ ही अन्य 11 आदिवासी सीटों पर भी कांग्रेस के प्रत्याशी ही जीतकर वापस आएंगे. 


मंत्री लखमा के बयान पर मोहन मरकाम ने चुप्पी साधी
हालांकि, मोहन मकराम ने विधायकों के चेहरे बदलने के सवाल पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. विधायकों के परफॉर्मेंस पर कहा कि बस्तर के सभी विधायकों की परफॉमेंस काफी अच्छी रही है. वहीं मंत्री कवासी लखमा के द्वारा हाल ही में दिये गए आदिवासी हिंदू नहीं हैं के बयान पर मोहन मरकाम ने चुप्पी साध ली. उन्होंने कहा कि यह मंत्री जी का बयान है और इस पर कुछ कहना सही नहीं है. हालांकि उनसे भी आदिवासियों के हिंदू होने के सवाल  पर उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.


धर्मांतरण पर ये बोले केदार कश्यप
बस्तर में धर्मांतरण के मामले को लेकर मोहन मरकाम के इस बयान पर पलटवार करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप का कहना है कि बस्तर में आए दिन धर्मांतरण की वजह से दो समुदायों के बीच हो रहे विवाद, धर्मान्तरण करने लोगों के द्वारा मूल धर्म के आदिवासियों से की जा रही मारपीट, हिंसक लड़ाई ये सब कांग्रेस के कार्यकाल में ही बढ़ रहे हैं.


लेकिन, मोहन मरकाम को ऐसा कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है. यह आश्चर्य की बात है. उन्होंने कहा कि बढ़ते धर्मांतरण के विरोध में कार्रवाई करने के बजाय कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हितों के प्रति कांग्रेस का कोई दायित्व नहीं है. केदार कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में लोक लुभावने वायदे कर आदिवासियों को केवल ठगा गया है.


उनसे वादा खिलाफी की गई है. विकास के नाम पर केवल पैसों का बंदरबांट हुआ है. यही वजह है कि कांग्रेस सरकार में आदिवासियों का सबसे ज्यादा शोषण हुआ है. केदार कश्यप का कहना है कि अगर कांग्रेस के लोगों में थोड़ी बहुत भी समझ होती तो वे भी बस्तर में बढ़ते धर्मांतरण को लेकर चिंता जाहिर करते. लेकिन, कांग्रेस के नेता बस्तर धर्मांतरण को और बढ़ावा देने में लगे हुए हैं. इसके लिए आने वाले चुनाव में जरूर जनता कांग्रेस को सबक सिखाएगी.


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