Bastar News: मानसून की बेरुखी ने बढ़ाई किसानों की चिंता, करोड़ों रुपये के कर्ज में डूबे हैं बस्तर के एक लाख से ज्यादा किसान
Bastar Latest News: बस्तर के किसानों को इस साल पिछले साल की तरह बारिश के बेरुखी का डर सता रहा है. बस्तर में बारिश नहीं के बराबर हो रही है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) से मानसून (Monsoon) आगे बढ़ जाने से बस्तर के किसानों (Farmers) को इस साल पिछले साल की तरह बारिश के बेरुखी का डर सता रहा है. किसानों को अच्छी बारिश की जरूरत है लेकिन नौतपा गुजरने के साथ ही जून के अंतिम महीने के दिनों में भी बस्तर में बारिश नहीं के बराबर हो रही है. जिसके चलते किसानों को चिंता सताने लगी है. किसान पहले ही बारिश और मानसून को देखते हुए अपने खेत को तैयार कर चुके हैं लेकिन बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है.
हालांकि मौसम विभाग लगातार मानसून के आगमन की सूचना दे रहा है, बताया जा रहा है कि बस्तर में कमजोर पड़े सिस्टम की वजह से बारिश नहीं हो रही है और लोग तेज गर्मी और उमस से परेशान हैं.
मानसून के बादल दक्षिण बस्तर के आगे बढ़े
बस्तर के ग्रामीण क्षेत्रों में यहां के आदिवासियों का मुख्य आय का स्त्रोत खेती किसानी है. मई महीने के आखिरी दिनों से ही किसान मानसून के इंतजार में अपने खेतों को तैयार करते हैं. लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी मानसून बस्तर वासियों को दगा देती नजर आ रही है. बस्तर वासियों को उम्मीद थी कि 15 जून से दक्षिण बस्तर में मानसून दस्तक देगी और किसान अपने खेतों में फसलों की रोपाई के लिए तैयारी शुरू कर देंगे लेकिन जून माह भी बीतने को है, बावजूद इसके बस्तर में मानसून की रिमझिम बारिश नहीं हो रही है.
मौसम विज्ञानी एच.पी चंद्रा ने बताया कि द्रोणिका के असर से बस्तर में रुक-रुक कर बारिश हुई लेकिन यह बारिश खेती किसानी के लिए पर्याप्त नहीं है. वहीं मानसून के बादल जरूर बने लेकिन यह बादल दक्षिण बस्तर से आगे बढ़ गए हैं और एक बार फिर बस्तर का मौसम पूरी तरह से खुल गया है और प्रदेश में सबसे अधिक तापमान बस्तर में दर्ज की जा रही है.
एक लाख से अधिक किसानों ने लिया है कर्ज
इधर बस्तर के किसानों का कहना है कि उनके ऊपर खेती किसानी के लिए कर्ज भी है. ऐसे में सही समय पर उनके खेतों में फसल नहीं रोपी जाती है तो पिछले साल की तरह एक बार फिर सूखा ग्रसित बस्तर होने की संभावना है. वहीं आंकड़ों के मुताबिक बस्तर जिले में 1 लाख 12 हजार किसानों ने लगभग 133 करोड़ रुपए कर्ज लिया है. वहीं अब किसानों को बस्तर में मौसम की बेरुखी की वजह से लिए गए कर्ज की चिंता सताने लगी है.
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