Bastar Rain: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानसून विदा होने के कगार पर है. ऐसे में झमाझम बारिश ने बस्तर के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है. दोपहर के बाद अचानक मौसम में बदलाव होने के कारण झमाझम बारिश शुरू हो गई. जिस वजह से कम अवधि में पक कर तैयार होने वाली धान की खड़ी फसल को भारी नुकसान हो रहा है.


बारिश की वजह से किसान अपनी फसलों की कटाई नहीं कर पा रहे हैं और धान की बालियां बारिश में झड़ रहे हैं. धान के साथ-साथ मक्के के फसल को भी इस बारिश से काफी नुकसान हो रहा है. दक्षिण-पश्चिम मानसून विदा होने से पहले बस्तर जिले और संभाग के अन्य जिलों में बरस रहा है.


वहीं अब 2 दिनों तक बंगाल की खाड़ी से उठ रहे तूफान का असर बस्तर में भी देखे जाने के संकेत मौसम विभाग द्वारा दिया गया है . इससे बाद किसानों की चिंता और बढ़ गई है. इस साल किसानों ने अंदाजा लगाया है फसलों को भारी नुकसान पहुंच सकता है. 


बारिश की वजह से नहीं हो पा रही धान की कटाई


बस्तर के किसानों का कहना है कि पिछले 2 दिनों को छोड़ दें, तो 5 दिनों से हो रही बारिश को देखते हुए किसान खेतों में पक कर तैयार फसल की कटाई नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से कम अवधि वाले धान खेतों में पक कर तैयार हैं, लेकिन खराब मौसम को देखते हुए इसकी कटाई नहीं हो पा रही है. किसान पूरी तरह से मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं.


केवल धान ही नहीं बल्कि इस साल भारी बारिश के कारण मक्के की फसल की पैदावार भी उतनी अच्छी नहीं हुई है. किसान फसल को देखते हुए घाटे का अनुमान लगा रहे हैं. किसानों का कहना है कि बारिश से अब मक्का पौधे में ही अंकुरित होने का खतरा बना हुआ है. कुछ किसानों ने मक्का की तोड़ाई शुरू की थी लेकिन बारिश के कारण अब तोड़ नहीं पा रहे हैं.


अगले दो दिनों तक बस्तर में भारी बारिश के संकेत


मौसम विभाग ने अगले 2 दिनों तक बस्तर में बारिश के संकेत दिए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है, जिसके कारण मौसम में बदलाव आया है. खाड़ी में एक चक्रवात भी बन रहा है जिसके आगामी दिनों में तूफान का रूप लेने की संभावना है.


यदि चक्रवात तूफान में परिवर्तित होता है तो बस्तर में भी जमकर बारिश होने की पूरी संभावना बनी हुई है. बारिश की संभावना को देखते हुए एक बार फिर किसानों को उनकी फसलों की चिंता सताने लगी है. इस साल किसानों को भारी नुकसान पहुंचने का अनुमान भी है.