Bastar Nal Jal Yojana: बस्तर में समय पर भुगतान नहीं होने से अटका नल जल योजना का काम, प्रशासन ने ठेकेदारों पर की ये कार्रवाई
Bastar Nal Jal Yojana: बस्तर जिले में केंद्र सरकार के नल जल योजना के तहत 30% काम भी पूरा नहीं हुआ है. योजना में देरी की वजह ठेकेदारों को सही समय पर भुगतान नहीं करना बताया जा रहा है.
Chattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में केंद्र सरकार के नल जल योजना के तहत 30% काम भी पूरा नहीं हुआ है. इस योजना का शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी काफी बुरा हाल है. योजना में देरी की वजह ठेकेदारों को सही समय पर भुगतान नहीं करना बताया जा रहा है. ठेकेदारों को 7 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि का भुगतान किया जाना था, तय समय पर भुगतान नहीं होने की वजह से इस योजना के तहत होने वाले सभी काम को रोक दिया गया. ठेकेदारों के द्वारा काम रोके जाने पर प्रशासन ने ठेकेदारों पर पेनाल्टी वसूलने और उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जा रहा है.
ठेकेदारों को नहीं किया गया भुगतान
इस योजना के तहत बस्तर जिले में 1 लाख 43 हजार 61 घरों में नल कनेक्शन लगाया जाना है, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र शामिल हैं. इस काम के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 180 गांव का टेंडर निकाल कर ठेकेदारों को काम सौंपा था. इस काम को पूरा करने के लिये 6 महीने का समय दिया गया था, लेकिन बिल का भुगतान नहीं होने से काम तय समय पर पूरा नहीं हुआ. ठेकेदारों के मुताबिक फरवरी महीने से उनका बिल लंबित है और प्रत्येक ठेकेदार के 40 से 80 लाख रुपए का भुगतान महीनों से अटका पड़ा है और विभाग की तरफ से ठेकेदारों को सपष्ट जवाब भी नहीं दिया जा रहा है. अभी भी जिले के 434 गांव में नल जल योजना पहंचना बाकी है.
ठेकेदारों ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों से अपने लंबित भुगतान देने की मांग की. बता दें कि 20 जून से बस्तर जिले में मानसून शुरु होने वाली है, जिस वजह से पाइप लाइन बिछाने का कार्य रुक जायेगा. मानसून के तीन से चार महीने तक इस योजना का काम ठप रहेगा.
ब्लैक लिस्टेड हुए ठेकेदार
इस योजना के तहत साल 2023 तक हर एक घर में नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन काफी काम अटके होने की वजह से 2023 तक यह योजना पूरा होना नामुमकिन है. पीएचई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बजट का आवंटन सही समय पर नहीं मिलने की वजह से ठेकेदारों का भुगतान लंबित है. अधिकारी ने बजट का आवंटन होते ही ठेकेदार को भुगतान करने की बात की. कुछ ठेकेदारों के द्वारा लंबे समय से काम बंद रखा गया है, जिस वजह से उनके ऊपर पेनाल्टी और ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही हुई है.