Bastar News: लोगों का हुजूम, बंधे हाथ और आंखों पर पट्टी, नक्सलियों ने जारी किया 'जन अदालत' का वीडियो
नक्सलियों ने जन अदालत लगाकर पुलिस की मुखबिरी के शक में सजा का एलान किया. बताया जा रहा है कि युवक के माफी मांगने पर चेतावनी देकर नक्सलियों ने छोड़ दिया. जीवन नामक युवक सरेंडर नक्सली है.
बस्तर (Bastar) में नक्सलियों (Naxalites) ने 'जन अदालत' का वीडियो जारी किया है. वीडियो में जन अदालत के बीच एक युवक को हाथ बांधे खड़ा किया गया है. युवक की आंखों पर पट्टी भी बांधी गई है और चारों तरफ से ग्रामीणों का घेरा है. नक्सलियों ने जीवन के खिलाफ पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर फैसला सुनाया. कुछ दिन पहले नक्सली संगठन के चेरला एरिया कमेटी ने सरेंडर नक्सली जीवन का अपरहण कर लिया था. अपहरण के बाद सरेंडर नक्सली जीवन को जंगलों में ले गए और चार दिन रखने के बाद जन अदालत लगाई. जन अदालत में सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि माओवादी आजाद के नेतृत्व में प्रमुख नक्सली कमांडर मधु, अरुणा, रंजीता और छत्तीसगढ़ के कई बड़े नक्सली लीडर भी उपस्थित रहे.
सरेंडर नक्सली के खिलाफ लगी जन अदालत
जन अदालत में सरेंडर नक्सली जीवन से पूछताछ की गई और पुलिस की मुखबिरी करने पर जान से मारने की धमकी भी दी. बताया जाता है कि नक्सली जीवन ने पिछले साल मार्च महीने में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. नक्सली लगातार जीवन की तलाश कर रहे थे. जीवन ने नक्सली सदस्य गंगी से शादी की थी. शादी के बाद दोनों ने संगठन को चकमा देकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. सुकमा जिले के किस्टाराम एरिया में जीवन को देखे जाने की सूचना मिली. नक्सलियों ने जीवन का अपहरण कर सार्वजनिक जन अदालत में खड़ा कर दिया और संगठन छोड़कर सरेंडर करने और पुलिस का खबरी बनने पर सजा का एलान किया गया.
नक्सलियों का जन अदालत,पहली बार सरेंडर नक्सली को ग्रामीणों के कहने पर किया रिहा,2021 में नक्सली संगठन छोड़ किया था आत्मसमर्पण. अपरहण करने के बाद जन अदालत में लिया फैसला..@gyanendrat1 @Ravimiri1 @ipskabra @APPOLICE100 @tsspbnshq pic.twitter.com/Kyl4bM7gCD
— Ashok Naidu (ABP News) (@Ashok_Naidu_) August 25, 2022
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पुलिस मुखबिरी के आरोप में सजा का एलान
सार्वजनिक माफी मांगने पर जन अदालत में जीवन को ग्रामीणों के कहने पर एक मौका देने का का फैसला लिया गया. आखिरी मौका मिलने की पुष्टि सरेंडर नक्सली जीवन ने की है. वीडियो में बड़ी संख्या ग्रामीणों के साथ नक्सलियों की भी नजर आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जन अदालत में कई बड़े नक्सल नेता भी शामिल थे. नक्सलियों का जन अदालत तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर आयोजित हुआ. घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र तक पुलिस का पहुंच पाना संभव नहीं था. फिलहाल जानकारी मिली है कि जन अदालत में हुए फैसले के बाद सरेंडर नक्सली जीवन को छोड़ दिया गया है.