Bastar Naxal News: बस्तर पुलिस के पिछले वर्ष चलाए गए विशेष अभियानों से नक्सल संगठन को कमजोर करने में काफी सफलता मिली है. साल 2021 बस्तर पुलिस के लिए सफलता भरा रहा. 2021 में नक्सलियों की बड़ी संख्या संगठन छोड़ आत्मसमर्पण करने के बाद मुख्य धारा से जुड़े. पुलिस जवानों ने कई मुठभेड़ों में 51 नक्सलियों को मार गिराया और 400 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया. साल 2022 में नक्सलियों से निपटने के लिए बस्तर पुलिस की क्या रणनीति रहेगी और जवानों की खुदकुशी के मामले को रोकने के लिए पुलिस क्या कर रही है, इन मुद्दों पर एबीपी न्यूज़ ने बस्तर आईजी सुंदरराज पी से खास बातचीत की.


बस्तर आईजी ने साल 2020 की तुलना में 2021 पुलिस के लिए बड़ी सफलता का दावा किया. अन्य वर्षों की तुलना में 28 फीसद नक्सल घटना में कमी आई. नक्सलियों को 2021 में काफी नुकसान पहुंचा. कई बड़े लीडरों की कोरोना से मौत हुई और जवानों ने इनामी नक्सलियों को एनकाउंटर में मार गिराया. काफी लंबे समय से नक्सली दलम में सक्रिय कई नक्सलियों ने बीते वर्ष पुलिस के सामने हथियार डाले. आत्मसमर्पण करने से नक्सल संगठन काफी कमजोर पड़ा. पुलिस को घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में साल 2021 में 14 नए पुलिस कैंप स्थापित करने में भी सफलता मिली. आईजी ने कहा कि विकास, विश्वास और सुरक्षा इन त्रिवेणी योजना के तहत बस्तर पुलिस नक्सल प्रभावित अंचलों में ग्रामीणों का विश्वास जीतने का काम और क्षेत्रों में विकास भी कर रही है.


2022 में नक्सली संगठन को कमजोर करने की रणनीति


अंदरूनी क्षेत्रों में 30 से अधिक नए सड़के बनाए गए और 10 से अधिक पुलों का निर्माण किया गया. 24 आंगनबाड़ी केंद्र, 40 से अधिक स्कूल और 30 से अधिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए. पुलिस की मुस्तैदी के चलते जिला प्रशासन ऐसे क्षेत्रों में विकास कार्य पहुंचा पाया जहां नक्सली सरकार की एक भी योजना का लाभ ग्रामीणों को लेने नहीं देते थे. आईजी ने बताया कि साल 2022 में ज्यादा से ज्यादा नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने का टारगेट रहेगा. टॉप नक्सली लीडरों को बस्तर पुलिस निशाना बनाएगी. आईजी का कहना है कि साल 2022 में ऐसे क्षेत्रों में विकास कार्य किए जाएंगे जहां नक्सलियों की सबसे ज्यादा सक्रियता है. सुरक्षा बल यहां भी एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाकर ग्रामीणों का विश्वास जीतने का प्रयास और गांव में विकास कार्य पहुंचाने की भी कोशिश करेगा.


 सुरक्षा बलों के कैंपों में जवानों की खुदकुशी कैसे रुकेगी?


सुरक्षा बलों के कैंपों में जवानों की लगातार आत्महत्या और आपसी विवाद में एक दूसरे पर गोलीबारी के सवाल पर आईजी ने कहा कि जवान किसी तरह के तनाव में ड्यूटी नहीं करें इसके लिए पुलिस स्पंदन अभियान चला रही है. इसके  तहत जवानों को तनावपूर्ण रखना, योगा, स्पोर्ट्स और कई शिविर के माध्यम से दिमागी तौर पर पूरी तरह से चुस्त दुरुस्त रखने का पुलिस प्रयास कर रही है. आईजी ने कहा कि नक्सली मोर्चे पर तैनात कोई भी जवान आत्महत्या ना करे और जवानों के बीच आपसी विवाद ना हो इसके लिए पुलिस सोशल एक्टिविटी और जवानों के बीच नए नए कार्यक्रमों का भी आयोजन कर रही है और ज्यादा से ज्यादा जवानों को तनाव मुक्त रखने की भी कोशिश की जा रही है.


उन्होंने दावा किया कि बस्तर में नक्सलियों के बीच गैंगवार भी शुरू हो चुका है. नक्सली आपस में ही एक दूसरे की हत्या कर रहे हैं. बीते 2 वर्षों के दौरान देखा गया है कि आपसी विवाद में ही नक्सली संगठन के बड़े कमांडरों ने अपने ही कई एरिया कमांडर और सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बस्तर के स्थानीय नक्सली बाहरी नक्सलियों की इस चाल को समझेंगे और निश्चित तौर पर सरकार की मुख्य धारा से जुड़ेंगे. उन्होंने बताया कि साल 2022 में नक्सली संगठन को और कमजोर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा विशेष अभियान चलाकर स्थानीय नक्सलियों के सरेंडर कराने पर पुलिस काम करेगी.


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