Bastar Naxal News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में पिछले 4 दशकों से नक्सली, हथियारों के बल पर पुलिस के जवानों और अर्धसैनिक बलों  का सामना कर रहे हैं.  नक्सली संगठनों के पास लोकल कंट्री मेड वेपंस के अलावा ऐसे भी हथियार मौजूद है जो सुरक्षा बलों के पास ही होते हैं.


मुठभेड़ में जब भी नक्सली मारे या पकड़े जाते हैं तब यह हथियार पुलिस रिकवर कर लेती है. इसका बड़ा कारण यह है कि लोकल कंट्री मेड हथियार छोटे नक्सली कैडर उपयोग करते हैं. लेकिन सुरक्षा बल से लूटे हुए हथियार नक्सली संगठन को इस वक्त मजबूती प्रदान कर रहे हैं. 


नक्सलियों के पास बड़ी संख्या में ऑटोमेटिक और अत्याधुनिक हथियार मौजूद है. बस्तर के आईजी सुंदरराज पट्टिलिंगम का दावा है नक्सलियों को अन्य उग्रवादी संगठन भी हथियार सप्लाई कर रहे हैं लेकिन इस नेटवर्क को पुलिस तोड़ने में कामयाब हो रही है. हालांकि आईजी का कहना है कि नक्सली संगठनों के पास  लोकल कंट्री मेड वेपंस अधिक संख्या में मौजूद है और नक्सली खुद ही इसे बना लेते हैं.


15 साल पहले लूटे थे हथियार
बस्तर में तकरीबन 15 साल पहले ओड़िसा राज्य के  कोरापुट में नक्सलियों ने हमला करके लगभग 1 हजार  से अधिक हथियार लूट लिए थे. जानकारों  का मानना है की 15 साल पहले  लूट गए इन हथियारों का इस्तेमाल आज भी नक्सली अपना वर्चस्व कायम करने के लिए कर रहे है.


नक्सल मामलों के जानकार मनीष गुप्ता ने बताया कि हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक रिपोर्ट में नेपाल के रास्ते पाकिस्तान और चीन तक से नक्सलियों के पास काफी आसानी से हथियार पहुंच जाता है.  जिसके चलते नक्सली, सुरक्षाबलों का सामना करते हैं.


एक दावा यह भी है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में काम करने वाले कांट्रेक्टर भी नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने के लिए मजबूर हैं ताकि कांट्रेक्टर नक्सल इलाकों में आसानी से अपना काम कर सके. अंदरूनी इलाकों में काम करने वाले कांट्रेक्टर के जरिए नक्सली कई बार हथियार भी खरीदते हैं.


मुठभेड़ के दौरान नक्सली लूटते हैं हथियार
वहीं बस्तर के आईजी का कहना है कि नक्सलियों को बाहर से सप्लाई होने वाले हथियारों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस सीमावर्ती इलाकों में 24 घंटे के लिए चेक पोस्ट नाका लगाकर वाहनों की जांच करते हैं. पहले की तुलना में नक्सलियों को बाहर से हथियार सप्लाई  ना के बराबर हो रही है. इसकी वजह है कि सुरक्षा बलों द्वारा कई सप्लायर्स की गिरफ्तारी भी की गई है.


उन्होंने कहा कि नक्सली मुठभेड़ के दौरान जवानों को नुकसान पहुंचाने के बाद उनके हथियार लूट लेते हैं. जिस वजह से उनके पास जवानों से लूटे गए हथियार की भी मात्रा ज्यादा है. इसमें एके-47. इन्सास, एसएलआर और रायफल के अलावा एलएमजी और मशीन गन भी शामिल है. फिलहाल इसका तोड़ निकालने में भी पुलिस जुटी हुई है.