(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
खूंखार नक्सली हिड़मा के गांव में पहली बार पहुंची स्वास्थ्य सुविधा, CRPF कैंप में खुला फील्ड अस्पताल
Bastar News: छत्तीसगढ़ का बस्तर दशकों से नक्सलवाद से जूझ रहा है. इसके कारण बस्तर के 5 जिले स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा सुविधाओं से वंचित रहे हैं. पुलिस ने कोर इलाकों में कैंप स्थापित किए हैं.
Health Camp Opened In Naxalite Stronghold: छत्तीसगढ़ का बस्तर पिछले 4 दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है, बस्तर संभाग के 7 जिलो में से 5 जिले घोर नक्सल प्रभावित होने की वजह से देश की आजादी के 75 साल बाद भी इन जिलो के कई अंदरूनी इलाक़ो में ना ही स्वास्थ्य सुविधा पहुंच पाई है, ना ही बिजली की सुविधा और ना ही शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल पाया है.
पिछले कुछ सालों से बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात पैरामिलिट्री फोर्स और स्थानीय पुलिस बल के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन में मिल रही लगातार सफलता के बाद ना सिर्फ इन कोर इलाको में पुलिस अपना कैंप स्थापित कर रही है, बल्कि ग्रामीण तक सरकार की सारी योजनाएं पहुंचे, सड़क और बिजली पहुंचे इसके प्रयास में भी जुट गई है.
16 प्रकार की बीमारियों का होगा नि:शुल्क जांच
इसी का नतीजा है कि माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी सदस्य और ताड़मेटला घटना का मास्टरमाइंड खूंखार नक्सली हिड़मा के पैतृक गांव में पहली बार ग्रामीणो को स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है, दरअसल CRPFके जवानों ने सुकमा जिला प्रशासन के सहयोग से पूवर्ती गांव में फील्ड हॉस्पिटल "आरोग्यधाम" का शुभारंभ किया है, इस फील्ड हॉस्पिटल में 16 प्रकार की बीमारियों की सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की तरह उत्तम दर्जे का नि:शुल्क जांच, ईलाज और दवाईयो की सुविधा पूरे 24 घंटे उपलब्ध कराई जा रही है.
इस अस्पताल में आधुनिक मेडिकल उपकरणों से लैस एंबुलेंस की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि गंभीर स्थिति में लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ मरीज को सुरक्षित सुकमा मुख्यालय के जिला अस्पताल तक रेफर किया जा सके.
पहली बार पहुंची इस गांव में स्वास्थ्य सुविधा
सुकमा जिले के एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि 8 महीने पहले ही सुकमा में नक्सल मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ ने खूंखार नक्सली हिड़मा के पैतृक गांव में पहुंचकर न सिर्फ नक्सलियों को यहां से खदेड़ने में सफलता हासिल की, बल्कि यहां एफओबी के तर्ज पर सीआरपीएफ कैंप भी स्थापित किया है. इस कैंप के खुलने से जहां एक तरफ ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है, वहीं पहली बार इन ग्रामीणों को अपने ही गांव में सीआरपीएफ कैंप की मदद से स्वास्थ्य सुविधा का लाभ भी मिल रहा है.
मिल सकेगा बेहतर ईलाज
एसपी ने बताया कि यहां के ग्रामीण बीमार पड़ने पर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में झाड़ फूंक पर निर्भर होते थे, और कई ग्रामीणों की ईलाज के अभाव में मौत हो जाती थी, लेकिन अब सीआरपीएफ ने यहां पर फील्ड अस्पताल "आरोग्यधाम" का शुभारंभ किया है ,अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इस अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार ग्रामीणों को बेहतर ईलाज मिल सकेगा, अस्पताल के शुभारंभ के बाद यहां के ग्रामीण नि:शुल्क इस स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठा रहे हैं.
CRPF कैंप में खोला गया है फील्ड अस्पताल
सीआरपीएफ के डीआईजी अरविंद राय ने बताया कि पूवर्ती गांव माओवादियों के हार्डकोर नक्सली हिड़मा का पैतृक गांव है, पूवर्ती गांव और उसके आसपास का क्षेत्र लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ रहा है, नक्सलभय के कारण सरकार की किसी भी योजनाओं का लाभ यहां के ग्रामीण नहीं ले पा रहे थे. आये दिन नक्सलियों के द्वारा क्षेत्र में ग्रामीणों पर प्रतिबंध लगाए जाने से ग्रामीण इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी नहीं जा पाते थे, लेकिन सीआरपीएफ के द्वारा यहां नया कैंप स्थापित करने के बाद अब पूरी कोशिश की जा रही है कि शासन की योजनाओं का लाभ इन ग्रामीणों तक पहुंच सके.
साथ ही सबसे जरूरी सीआरपीएफ कैंप में खुले फील्ड अस्पताल के जरिए मरीज को इलाज मिल सके ताकि किसी भी ग्रामीण की ईलाज के अभाव में मौत ना हो सके.
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