Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में पिछले कुछ महीनों से बस्तर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की अंदरूनी इलाकों में सक्रियता की वजह से नक्सलियों तक अब गोला बारूद, पहुंचना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती हो गई है. शहरी नेटवर्क पर लगातार पुलिस की कार्रवाई से अब नक्सलियों तक गोला बारूद की पहुंच पिछले सालों की तुलना में काफी कम हो गई है.
ऐसे में अब नक्सली गांव के भोले-भाले ग्रामीणों को और बड़े-बड़े क्रशर प्लांट और बोर वाहनों के छोटे कर्मचारियों को बारूद की सप्लाई के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. जिनके जरिए नक्सलियों तक छोटी छोटी मात्रा में एक्सप्लोसिव और बम बनाने के लिए अन्य सामान पहुंच सके. हाल ही में इसका खुलासा बस्तर पुलिस के द्वारा नक्सली सहयोगी को गिरफ्तार करने से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है.
पुलिस ने किया खुलासा
दो दिन पहले ही बस्तर जिले के कोड़ेनार पुलिस ने बास्तानार के बस स्टैंड से एक नक्सली सहयोगी को गिरफ्तार किया था और उसके पास मौजूद बैग की तलाशी करने पर उसमें बड़ी मात्रा में नक्सलियों का विस्फोटक सामान बरामद हुआ था. पूछताछ पर उसने बताया कि वह इस विस्फोटक सामग्री की सप्लाई बीजापुर इलाके में नक्सलियों को कर रहा था, लेकिन पुलिस को मुखबिर से सूचना मिलने के बाद आरोपी को धर दबोचा और इसके बाद नक्सलियों तक गोला बारूद कैसे और किस माध्यम से पहुचता है इसका खुलासा हुआ.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली बस्तर के अंदरूनी गांवो में खास तौर पर ऐसे लोगों को अपने टारगेट में लेते हैं, जिनके परिजन अंदरूनी इलाकों में अकेले रहते हैं. नक्सली कुछ युवाओं को पैसों का लालच देकर फसाने की कोशिश करते हैं और अगर कुछ लोग पैसों की लालच में नहीं फंसते तो उनके परिजनों को मारने की धमकी दी जाती है.
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दरअसल, नक्सलियों तक बारूद और विस्फोटक सामग्री आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की खदानों से बस्तर तक पहुंचती है, बास्तानार बस स्टैंड में गिरफ्तार नक्सली सहयोगी ने बताया कि वे नक्सलियों के लिए इसलिए काम करते थे क्योंकि उन्हें जान से मारने की और उनके परिजनों को जान से मारने की धमकी दी जाती थी. उसने बताया कि नक्सलियों को बारूद और विस्फोटक सामग्री की सप्लाई के लिए क्रशर और बोर गाड़ियों में काम करने वाले लड़कों की नक्सलियों के पास लिस्टिंग रहती है और उन्हें नक्सली काम के लिए चुनते हैं.
इनमें से अधिकतर बस्तर के युवा रहते हैं जो हर साल कुशल और अकुशल श्रमिक के तौर पर बैलगाड़ी और क्रशर प्लांट में काम करने के लिए आंध्र और तेलंगाना जाते हैं. बस वही नक्सली इन्हें अपने पैसों के लालच या फिर परिजनों को मारने की धमकी देकर फंसाते हैं और उनसे बम बनाने के लिए जरूरी विस्फोटक सामग्री का सप्लाई करवाते हैं.
क्या कहा बस्तर आईजी ने?
बस्तर आईजी ने बताया कि इससे पहले भी इसी तरह के बस्तर के कुछ ग्रामीणों को नक्सलियों के सप्लायर के रूप में गिरफ्तार किया गया है और उन्होंने भी इसी बात का जिक्र किया है. फिलहाल जिस तरह से नक्सलियों द्वारा भोले-भाले ग्रामीण युवाओं को और छोटे कर्मचारियों को बारूद और विस्फोटक सप्लाई के लिए नक्सलियों द्वारा इस्तेमाल करने का खुलासा हुआ है.
ऐसे में पूरे बस्तर संभाग में पुलिस अलर्ट हो गई है और इस तरह से बस्तर के भोले-भाले ग्रामीणों को अपना सॉफ्ट टारगेट बनाने वाले नक्सलियों के हर मूवमेंट पर पुलिस नजर रख रही है, साथ ही इन नक्सलियों के बहकावे में कोई भी ग्रामीण ना आए और उन्हें विस्फोटक की सप्लाई ना करें इसके लिए भी अंदरूनी क्षेत्रों में पुलिस ग्रामीण युवाओं को और उनके परिजनों को जागरूक करने का काम कर रही है.