Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली संगठन की सप्लाई चेन पिछले कुछ सालों से धीरे-धीरे कमजोर हो रही है. वहीं नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को भी पुलिस के द्वारा तोड़ने से बाहर से मिलने वाले हथियारों की भी पूर्ति संगठन को नहीं हो पा रही है. ऐसे में अब नक्सली खुद 12 बोर की बंदूक के साथ ही देसी ग्रेनेड बना रहे हैं. यह खुलासा तब हुआ जब खुद बस्तर पुलिस और CRPF के जवानों ने जिंदा BGL  (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) नक्सली  मुठभेड़ों और कैंप में नक्सलियों द्वारा अटैक करने के दौरान बरामद किया है. 


नक्सलियों को फोर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाने की थी उम्मीद 


हालांकि नक्सलियों के लोकल कंट्री मेड हथियारों की फैक्ट्री पहले भी चलती थी लेकिन हाल ही में नक्सलियों ने BGL बनाने की शुरुआत की है, और बस्तर के अलग-अलग इलाकों में बड़ी मात्रा में BGL बनाए हैं.  पुलिस पर अटैक भी किए हैं.  देसी लांचर को बनाने के बाद नक्सलियों को इससे फोर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाने की उम्मीद थी, लेकिन पुलिस ने बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सली द्वारा हमले के दौरान देसी लॉचरों को बरामद कर लिया. इनमें से कई ग्रेनेड लांचर फटे नहीं है और पुलिस ने घटनास्थल से इसे बरामद कर नष्ट कर दिया. वहीं  कुछ ग्रेनेड को अपने कब्जे में रखा है.


पुलिस कैम्पों पर  देसी BGL से नक्सलियों ने किया था हमला 



बस्तर आईजी पी सुंदरराजन ने बताया कि नक्सलियों के देसी BGL बनाने की जानकारी पुलिस विभाग को भी है.  बीते अप्रैल महीने में बीजापुर के दरभा, एलमागुंडा, कोटक पल्ली पुलिस कैंपों पर नक्सलियों ने बड़े हमले किए थे और इस दौरान कैम्पो के अंदर उन्होंने बड़ी मात्रा में अपने साथ लाए BGL से भी हमले  किये थी. 

हालांकि एल्मागुंडा, कोटकपल्ली के पुलिस  कैंपो  पर हमले में कोई घायल नहीं हुआ , लेकिन दरभा में CAF के 3 जवान घायल हुए थे. उन्होंने बताया कि जो BGL नक्सली बना रहे हैं, उसकी 300 मीटर की मारक क्षमता है और किलिंग जॉन 15 मीटर और अफेक्टिंग जॉन 30 मीटर तक है. वहीं पुलिस ने भी पिछले दो महीने में पुलिस नक्सली मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों के 100 से भी ज्यादा BGL बरामद किए हैं. आईजी ने बताया कि इन पुलिस कैंपो से बरामद BGL का जब जवानों ने ट्रायल लिया तो पता चला कि इनकी मारक क्षमता अधिकतम 300 मीटर की है और यह हथियार उतने कारगर नहीं है, जितना इन्हें सोच कर बनाया गया था.

 

नक्सली लीडर नंदू ने दी है देसी BGL बनाने की  ट्रेनिगं 

इधर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नक्सलियों के लिए देसी हथियार बनाने का काम सेंट्रल मिनिस्ट्री कमीशन के सीनियर लीडर नंदू के कंधे पर है. नंदू को गोला बारूद हथियारों के संबंध में काफी टेक्निकल जानकारी है और हथियार बन जाने के बाद निचले स्तर तक हथियार बनाने की तकनीकी भेजी जाती है.

 

स्थानीय स्तर पर नक्सलियों के जोनल डिवीजन और बटालियन स्तर पर टेक्निकल टीमें हैं. इनके पास लेथ मशीन हैं ,सांचे औऱ वेल्डिंग मशीन भी उपलब्ध है. जिनके जरिए ऊपर से मिले तकनीकी जानकरी  का उपयोग करते हुए नक्सली हथियार बनाते हैं. वहीँ बस्तर आईजी ने बताया कि नक्सलियों को अब ऑटोमेटिक हथियार नहीं मिल पा रहे हैं, ऐसे में वे लोकल लेवल पर हथियारों की आपूर्ति का पूरी तरह से प्रयास कर रहे हैं. पहले भी पुलिस ने नक्सलियों की देसी हथियार फैक्ट्री और कैंप को ध्वस्त किया है और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी.

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