Bastar Police Action: छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादी संगठन के द्वारा 11 जनवरी को जारी किए गए अपने प्रेस नोट के बाद पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल माओवादी संगठन ने 11 जनवरी को छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस पर सुकमा के करीब 15 से अधिक गांवो में हवाई हमला करने का आरोप लगाया. नक्सलियों का आरोप है कि 15 अप्रैल 2022 में भी इसी जगह पर करीब 20 गांवो में ड्रोन और हेलीकॉप्टर से जवानों के द्वारा बमबारी की गई थी.


उस समय इन गांवों के कई घर भी तबाह हुए थे, और उसके बाद से ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद एक बार फिर बमबारी किया जा रहा है. बमबारी से नक्सलियों को तो कुछ नुकसान नहीं पहुंच रहा, लेकिन इस क्षेत्र के रहने वाले ग्रामीण किसानों के खेतों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. उनके अंदर भय का माहौल बना हुआ है.


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के बाद पुलिस आक्रामक हो रही है और ऑपरेशन चलाने के साथ नक्सलियों को टारगेट बनाने के लिए इस तरह से बमबारी कर रही है. इससे ग्रामीणों के जानमाल को नुकसान पहुंच रहा है.


कमजोर पड़ते संगठन से बौखलाए नक्सली


बमबारी को लेकर बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बयान जारी किया. बस्तर आईजी का कहना है कि जवानों के द्वारा चलाए जा रहे लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सली दहशत में हैं और पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं. इसलिए पुलिस पर हवाई हमले करने का आरोप लगा रहे हैं. आईजी ने कहा कि माओवादी संगठन हवाई हमले और बमबारी को लेकर झूठा प्रचार कर रहे हैं और अपने संगठन का विलय ना हो इसके लिए इस तरह भ्रम फैला रहे हैं.


आईजी ने बताया कि पिछले कुछ सालों से नक्सलियों की पैंठ बस्तर से उखड़ने लगी है. उनके साथी बस्तर पुलिस के सामने सरेंडर कर रहे हैं. साथ ही पुलिस द्वारा भी नक्सली गिरफ्तार भी किए जा रहे हैं. ऐसे में उनके साथी माओवाद संगठन छोड़कर ना जाए, इसके लिए पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नक्सलियों के दक्षिण डिवीजन कमेटी के प्रवक्ता गंगा  की ओर से एक प्रेस नोट जारी किया गया, जिसमें झूठे आरोप लगाए गए.


आईजी ने कहा कि इस प्रेस नोट की भी जांच की जा रही है. साथ ही उन्होंने क्षेत्र की जनता से भी अपील की है कि उन्हें किसी तरह से डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि पुलिस द्वारा किसी तरह के हवाई हमले और बमबारी नहीं की जा रही है. ग्रामीणों को पुलिस के प्रति भड़काने के लिए इस तरह नक्सली प्रेस नोट जारी कर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.


मुठभेड़ में नक्सलियों का भारी नुकसान


आईजी ने यह भी बताया कि 11 जनवरी को नक्सलियों को पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ के दौरान भारी नुकसान पहुंचा.  दोनो स्टेट के सयुंक्त ऑपरेशन में कई नक्सली मारे गए और घायल भी हुए, लेकिन नक्सली इसका खुलासा नहीं कर रहे हैं. हालांकि नक्सलियों ने चौपर पर फायरिंग जरूर की गई थी, लेकिन इससे किसी तरह की कोई हताहत नहीं हुई और ना ही जवानों को कोई नुकसान पहुंचा.


11 जनवरी की घटना के बाद से दूसरे दिन भी लगातार इस इलाके में सर्चिंग बढ़ा दी गई है. आईजी ने दावा किया है कि 11 जनवरी को नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में कई नक्सली मारे गए हैं, जिसका खुलासा नक्सली संगठन के द्वारा नही किया जा रहा है.


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