Kill Policemen In Bastar: नक्सलवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर में हर साल फरवरी माह से ही नक्सली संगठन अपने TCOC (टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन) अभियान की शुरुआत करते हैं. इस अभियान के तहत नक्सली काफी आक्रामक हो जाते हैं और अगले चार महीनों तक नक्सली मोर्चे पर तैनात सुरक्षा बलों को और पुलिस के मुखबिरों पर अटैक करने के लिए तरह-तरह की रणनीति बनाते हैं.


पुलिस दे रही मुंहतोड़ जवाब
पिछले दो दशक से इस अभियान के दौरान पुलिस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. कई जवानों की शहादत होने के साथ आम लोग और गोपनीय सैनिक भी मारे गए हैं. हालांकि, बस्तर पुलिस का दावा है कि पुलिस पिछले कुछ सालों से नक्सलियों के इस अभियान का मुंहतोड़ जवाब दे रही है. यही वजह है कि कुछ सालों की बात करें तो इस अभियान के दौरान पुलिस को काफी कम नुकसान हुआ है. नक्सलियों की मांद में घुसकर पुलिस के एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाने से उल्टे नक्सलियों को ही नुकसान हुआ है.


पांच साल में 60 से अधिक जवानों की हुई शहादत
दरअसल  फरवरी से जून महीने तक बस्तर में नक्सली संगठन टीसीओसी अभियान चलाते हैं. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पुलिस के खिलाफ आक्रामक होकर लड़ाई लड़ना और ज्यादा से ज्यादा जवानों को नुकसान पहुंचाना रहता है. बस्तर में जितने भी बड़े नक्सली हमले हुए हैं, जिनमें जवानों की ज्यादा शहादत हुई है, यहां तक की 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुआ हमला भी नक्सलियो के इसी अभियान का हिस्सा था. पिछले पांच साल की बात की जाए तो टीसीओसी अभियान में पुलिस ने 60 से अधिक जवानों को खोया है और 30 से ज्यादा आम लोग  मारे गए हैं.  हालांकि साल 2022 में केवल नौ जवानों की शहादत हुई. वही साल 2023 में फरवरी माह आते ही नक्सली एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं. नक्सली महीने भर के भीतर तीन जनप्रतिनिधियों की घर में घुसकर हत्या कर चुके हैं. 


पुलिस का दावा, तैयारियां पूरी
इधर, इस साल नक्सलियों के टीसीओसी अभियान से निपटने के लिए पुलिस ने सारी तैयारियां कर लेने का दावा किया है. बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि नक्सलियों के टीसीओसी अभियान से निपटने के लिए बस्तर पुलिस का ब्लूप्रिंट तैयार है. हालांकि रणनीति का खुलासा सुरक्षागत कारणों से नहीं किया जा सकता है. लेकिन, इस बार नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. उन्होंने कहा कि पुलिस नक्सलियों के कोर इलाके में जाकर ऑपरेशन चला रही हैं. पिछले कुछ सालों की तुलना में अब पुलिस ज्यादा आक्रामक हो गई है. ऐसे इलाकों तक अपनी पहुंच बना ली है, जहां पहले जा पाना संभव नहीं होता था.


पूरी सावधानी बरत रही पुलिस
बस्तर आईजी ने कहा कि इस टीसीओसी अभियान को देखते हुए बस्तर पुलिस पूरी तरह से सावधानी रख रही है. बस्तर संभाग में मौजूद सभी पुलिस कैंप, थाना और पुलिस चौकियों को अलर्ट कर रखा गया है. एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान भी जवानों को खास सतर्कता बरतने को कहा गया है. पुलिस यह भी कोशिश कर रही है कि नक्सली अंदरूनी इलाकों में चल रहे निर्माण कार्य में किसी तरह की बाधा नहीं डाल पाएं. इसलिए ज्यादा से ज्यादा रोड ओपनिंग पार्टी को भी तैनात किया गया है. कोई निर्माण कार्य रुके नहीं, इसका भी खास  ख्याल रखा जा रहा है. 


नक्सली इलाकों में बने 40 कैंप
आईजी ने कहा कि पिछले कुछ सालों से पुलिस ने ऐसे इलाकों में जहां नक्सलियों की सबसे ज्यादा धमक  रहती थी और इन इनका गढ़   कहा जाता था, उन इलाकों में 40 से ज्यादा नए पुलिस कैंप स्थापित किए हैं. इस वजह से नक्सली इन इलाक़ों में बैकफुट पर हैं. लेकिन, टीसीओसी अभियान को देखते हुए बस्तर पुलिस पूरी तरह से सतर्क है. नक्सलियों की हर मूवमेंट पर खास नजर बनाए रखी हुई है. आईजी ने दावा किया कि अगर नक्सली किसी घटना को अंजाम देते हैं तो उन्हें जरूर बस्तर पुलिस का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा.


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