Bastar News: संरक्षण के अभाव में नष्ट हो रही प्राचीन मूर्तियां, आदिवासियों ने पुरातत्व विभाग में लगाई गुहार
बस्तर में रियासतकाल की कई प्राचीन मूर्तियां हैं. लेकिन पुरातत्व विभाग की अनदेखी से या तो ये प्राचीन मूर्तियां खंडित हो रही हैं, या फिर तस्कर इसे चोरी कर ले रहे हैं.
Bastar: छत्तीसगढ़ के बस्तर में प्राचीन सभ्यता की आज भी ऐसी कई मूर्तियां हैं, जिन्हें पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित नहीं करने से यह मूर्तियां खंडित हो रही हैं. संभाग के नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर और सुकमा को धर्म नगरी के नाम से जाना जाता है और यहां रियासतकाल की कई प्राचीन मूर्तियां भी हैं. इन मूर्तियों के प्रति यहां के आदिवासियों की गहरी आस्था भी जुड़ी हुई है. लेकिन इन मूर्तियों की अनदेखी के चलते ये मूर्तिया चोरी कर तस्करी की जा रही हैं, तो कई मूर्तियां खंडित हो रही है. जिसको लेकर बस्तर के ग्रामीण आदिवासियों में काफी नाराजगी है.
प्राचीन मूर्तियों की हो रही तस्करी
नारायणपुर जिले के छोटे डोंगर में भी ऐसे कई प्राचीन मूर्तियां मिली है, जिन्हें आदिवासियों ने संजोकर तो जरूर रखा है, लेकिन पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते प्राचीन देव प्रतिमाएं देखरेख के अभाव में खंडित होने के कगार पर आ चुकी है. ग्रामीणों ने बताया कि यह देव प्रतिमाएं सैकड़ों साल पुरानी है. इनमें गौरी शंकर, गणेश और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां है. कुछ मूर्तियां ठीक भी है और कुछ खंडित हो चुकी है. कई बार इन मूर्तियों को संरक्षित करने के लिए पुरातत्व विभाग को भी कहा गया लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते धीरे-धीरे यह प्राचीन मूर्तियां जो बस्तर की पहचान है वह खंडित हो रही हैं.
Watch: छत्तीसगढ़ के इस आदिवासी लड़की के गाने का वीडियो हुआ वायरल, लोग बता रहे 'बस्तर की लता मंगेशकर'
ग्रामीणों ने ये भी बताया कि देवी देवताओं की मूर्तियां असामाजिक तत्वों के द्वारा तस्करी भी की जाती है. हालांकि कुछ मूर्तियों को ग्रामीणों की सुरक्षा में रखा गया है, लेकिन सारी मूर्तियां देख रेख के अभाव में खुले आसमान के नीचे से धीरे-धीरे चोरी हो रही है. जिसको लेकर ग्रामीण शासन, प्रशासन और पुरातत्व विभाग से इसे संरक्षित करने को गुहार लगा रहे हैं.
देवगुड़ी योजना के तहत संरक्षित करने की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि शासन, प्रशासन और पुरातत्व विभाग का कोई भी अधिकारी मूर्ति के सर्वे और संरक्षण करने नहीं आया है, और ना ही कोई ध्यान दे रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि इस प्राचीन मूर्ति के पास मौजूद तालाब में ठीक से पुनः खुदाई की जाएं तो देव प्रतिमाएं मिलने की पूरी संभावना है. पुरातत्व विभाग ध्यान देकर काम करें तो मूर्ति और गांव के प्राचीन इतिहास के बारे में नई नई खोज हो सकती है. फिलहाल इन सभी मूर्तियों को सरकार की देवगुड़ी योजना के अंतर्गत संरक्षण करने की मांग की जा रही है.
ये भी पढ़ें
Bilaspur News: बिलासपुर पुलिस रात में चला रही विशेष अभियान, जांच में बरामद किया 20 लाख कैश और पिस्टल