Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नियमितीकरण की मांग को लेकर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की हड़ताल जारी है, पिछले 13 दिनों से बस्तर संभाग के लगभग एक हजार से अधिक की संख्या में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आंदोलन पर डटे हुए हैं और 2 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि चुनाव के वक्त  कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा किया था, लेकिन आज सरकार बने 3 साल बीत चुके हैं और अब तक अपने वायदे को सरकार पूरा नहीं कर सकी है. ऐसे में कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


23 वर्षों से नियमितीकरण की है आस 


उन्होंने कहा कि इससे पहले कई बार मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद भी अब तक मांग पर अमल नहीं किया गया है और ना ही कोई जवाब मिला है. ऐसे में सभी कर्मचारी अब हड़ताल पर चले गए .हैं कर्मचारियों की हड़ताल 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक रहेगी और बाद में राजधानी रायपुर पहुंच विधानसभा का घेराव करेंगे. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष विपिन कुमार तिवारी ने बताया कि सन 1998 से बस्तर में और पूरे प्रदेश में लगभग 40 हजार कर्मचारी कई विभागों में सेवा दे रहे हैं और काफी न्यूनतम दर पर अधिक काम लिया जा रहा है. विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सभी 40 हजार वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण करने का वादा किया था. लेकिन आज कांग्रेस सरकार को 3 साल बीतने के बावजूद वादा पूरा करने का फैसला नहीं लिया गया है.


विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी 


यही नहीं अब राज्य सरकार ठेका पद्धति से भी कर्मचारियों को काम करने के लिए दबाव बना रही है. ऐसे में कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आया है. विपिन कुमार तिवारी ने कहा कि बीते 15 दिनों से आंदोलन जारी है और आगामी 16 दिसंबर को राजधानी रायपुर में विधानसभा का घेराव कर्मचारी करेंगे. कर्मचारियों की मांग में ठेका पद्धति समाप्त करने, सभी 40 हजार वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने और ठेका पद्धति में कार्यरत कर्मचारियों को भी नियमितीकरण करना शामिल है. मांग पूरी नहीं होने पर रायपुर में विधानसभा घेराव के साथ सड़क पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है.  


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