Bastar News: बस्तर के खरीदी केंद्रों में किसानों की नई मुसीबत, बाहर से महंगे दाम में बारदाने खरीदकर बेच रहे धान
Bastar News: बस्तर के खरीदी केंद्रों में धान बेचने आ रहे किसानों की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अब नई समस्या बारदानों की कमी की वजह से बन गई है.
Bastar News: बस्तर के खरीदी केंद्रों में धान बेचने आ रहे किसानों की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अब नई समस्या बारदानों की कमी की वजह से बन गई है. दरअसल ज्यादातर खरीदी केंद्रों पर बारदानों की कमी को किसान बाहर से खरीदकर पूरी करने पर मजबूर हैं. केवल बस्तर जिले की ही बात करें तो यहां पिछले 10 दिनों के दौरान धान की खरीदी में 270 से अधिक किसानों ने सरकार को खुद के 6790 बारदाने में धान बेच दिए हैं. इन बारदानों की कीमत सरकारी रेट से मानी जाए तो करीब 1 लाख 80 हजार रुपये होती है, जबकि बस्तर संभाग के अन्य जिलों में करीब 36 लाख रुपए से अधिक का है. आने वाले दिनों में दाम और अधिक बढ़ने की बात कही जा रही है.
बस्तर में किसान बारदाने की कमी से हो रहे परेशान
बस्तर में 1 दिसंबर से धान खरीदी की शुरुआत हुई है. जिले में 16 लाख हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, अब तक जिले के 7 हजार से अधिक किसानों से लगभग दो लाख 90 हजार 400 क्विंटल धान की खरीद हुई है. अभी लगभग 13 लाख 25 हजार क्विंटल और धान की खरीदी की जानी है, लेकिन इसके लिए खरीदी केंद्रों में पर्याप्त बारदाने नहीं हैं. बारदाने की कमी के कारण किसानों से धान समेत बारदाने की खरीदी की जा रही है. जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों ने कहा था कि इस साल किसानों से काफी कम संख्या में बारदाने लिए जाएंगे लेकिन इसके उलट धान खरीदी के शुरू में ही किसानों को बाहर से बारदाने महंगे दामों में खरीदना पड़ रहा है.
बारदाना खरीदने शहर आए ग्रामीण किसानों लक्षमण, बुधरु, रमेश ने बताया कि उन्हें एक नग बारदाना 29 रुपये के हिसाब से खरीदना पड़ रहा है और ऐसे में उन्हें लगभग 100 से 150 बारदाने धान बेचने के लिए लग रहे हैं. उनका कहना है कि गांव से शहर आकर बारदाने खरीदने में ही काफी पैसा खर्च हो रहा है. किसानों ने बताया कि बीते वर्षों में बाहर से बारदाने नहीं खरीदने पड़ते थे, लेकिन पिछले 2 वर्षों से स्थिति वैसे ही बनी हुई है. बारदाने की कमी का खामियाजा किसानों को अधिक रकम के तौर पर भुगतना पड़ रहा है. इधर खरीदी केंद्र के प्रभारियों का कहना है कि उपार्जन केंद्रों में कमी का प्रमुख कारण पहुंच रहे खराब बारदाना है.
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29 रुपये प्रति नग के हिसाब से खरीदने को मजबूर
मिलरों की तरफ से खराब बारदाना केंद्रों में भेजा जा रहा है. बारदाना काफी फटा और पुराना होने की वजह से खरीदी कार्य संभव नहीं है. जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों का आरोप है कि कई उपार्जन केंद्रों में मिलर्स फटे पुराने बारदाने भेज रहे हैं और इन बारदानों को वापस शासन को भेजे जाने की प्रक्रिया जारी है. लेकिन उसके लिए और समय लग सकता है. गौरतलब है कि समर्थन मूल्य पर बस्तर जिले में 71 केंद्रों को जल्द से जल्द धान बेचने के लिए इस समय बाजार में 29 रुपये प्रति नग के हिसाब से किसान बारदाना खरीद रहे हैं जबकि किसानों को इस बारदाने का केवल 25 रुपये ही शासन की ओर से मिलेगा. किसानों का कहना है कि उनकी मजबूरी का फायदा इन दिनों बड़े व्यापारी उठा रहे हैं और शासन बारदाने की कमी को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है.