Bastar News: बस्तर में इस बीमारी पर स्वास्थ्य विभाग ने बनाया एक्शन प्लान, 2025 तक खत्म करने का रखा लक्ष्य
Bastar News: बस्तर में साल 2025 तक टीबी मुक्त बस्तर बनाने का प्रशासन ने लक्ष्य रखा है और इसके लिए टीबी हारेगा बस्तर जीतेगा अभियान की शुरुआत की गई है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में बढ़ते टीबी मरीजों को देखते हुए साल 2025 तक टीबी मुक्त बस्तर बनाने का प्रशासन ने लक्ष्य रखा है और इसके लिए टीबी हारेगा बस्तर जीतेगा अभियान की शुरुआत की गई है. इस अभियान के तहत शहर से लेकर गांव तक टीबी से संक्रमित मरीजों को ढूंढने और उनके इलाज का उचित इंतजाम करने का प्रयास प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है.
दरअसल कोरोनाकाल की वजह से पिछले 3 सालों से संक्रमित मरीजों को ढूंढने और इलाज करने में स्वास्थ विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था और साथ ही टारगेट को पूरा करने के लिए इसकी रफ्तार भी धीमी हो गई थी. लेकिन अब कोरोना का प्रकोप कम होने के साथ ही एक बार फिर से बस्तर जिले में टीबी के मरीजों को ढूंढने प्रशासन की टीम निकल पड़ी है.
जिले में सर्वे का काम जारी
बस्तर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर.के चतुर्वेदी ने बताया कि बस्तर में टीबी के मरीजो कि संख्या में लगातार इजाफा हो रहा था. जिसे ध्यान में रखते हुए बस्तर जिला को टीबी मुक्त बनाने कार्य योजना तैयार किया गया और साल 2025 से पहले टीबी मुक्त बस्तर बनाने अभियान की शुरुआत करने और इस अभियान को जोर देने के साथ स्वास्थ विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को टीबी की बीमारी फैलने के कारणों, उसके ईलाज और रोकथाम के साथ ही वर्तमान स्थिति की जानकारी दी गयी.
सीएमओ ने बताया कि बस्तर में साल 2019 के आंकड़ो के हिसाब से 1550 टीबी के मरीजों की पहचान की गई थी. जिसके बाद स्वास्थ विभाग के अभियम से 2 सालों में थोड़ी कमी आयी और साल 2021 के आंकड़ों पर गिरावट देखी गयी. 1213 मरीजों की पहचान 2021 में की गई थी, जिसमे स्वास्थ विभाग के द्वारा टीबी मरीजों को स्वस्थ कर लिया गया. वहीं फिलहाल अभी 484 टीबी मरीजों को निःशुल्क इलाज की सुविधाएं दी जा रही है.
10 से अधिक लोगो के जांच का लक्ष्य
सीएमओ ने बताया कि जिले में टीबी मरीजों की पहचान के लिये बस्तर के 10 लाख से अधिक लोगों की जांच करने का लक्ष्य रखा गया है. सर्वे के दौरान देखा जाएगा कि किसी को खांसी व बुखार तो नहीं आ रहा है. अगर खांसी होगी तो मरीजों के सैंपल जमा करवाए जाएंगे और एक ब्लॉक में न्यूनतम 10 टीमों के द्वारा सभी गांव के घरों में सर्वे कर मोबाइल एप के द्वारा टीबी मरीजों की पहचान कर उनकी जांच की जाएगी.
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