Bastar News: पीएम आवास योजना का बस्तर में बुरा हाल, 3 सालों से अधूरे पड़े मकान बनने का लोग कर रहे इंतजार
PM Awas Yojana: बस्तर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सालों से किस्त की राशि नहीं मिलने से सैकड़ों आवास अधूरे पड़े हैं. 2022 से 2023 तक के लिए पीएम आवास का टारगेट अब तक नहीं दिया गया है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना का काफी बुरा हाल है. सालों से किस्त की राशि नहीं मिलने से सैकड़ों आवास अधूरे पड़े हैं. वहीं साल 2021-22 और 22 से 23 के लिए भी पीएम आवास का टारगेट अब तक नहीं दिया गया है. इससे पहले साल 2020-21 में जिले भर में 7,000 आवासों का टारगेट रखा गया था, लेकिन इसकी भी किस्त नहीं मिल पाने की वजह से मकानों को पूरा नहीं किया जा सका है. अब बरसात के मौसम में मजबूरन हितग्राहियों को झोपड़ी बनाकर रहना पड़ रहा है. खासकर बस्तर जिले में ग्रामीण अंचलों के साथ-साथ शहरी क्षेत्र के निचली बस्तियों का भी काफी बुरा हाल है. इस योजना के तहत लिस्ट में नाम तो चढ़ गया है लेकिन आवास पूरी तरह से अधूरे पड़े हैं.
बारिश के मौसम में हितग्राहियों को सता रही चिंता
जिले के ऐसे गरीब परिवार जो बीपीएल की श्रेणी में माने गए हैं उनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बना कर दिया जाना है. बस्तर जिले में हजारों की संख्या में सभी ब्लॉक से आवेदन दिए गए हैं और लगातार आवेदकों की संख्या में बढ़ोतरी भी हो रही है. जबकि नए साल का टारगेट नहीं दिए जाने की वजह से लिस्ट के साथ ही हितग्राहियों का इंतजार भी लंबा होता जा रहा है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पीएम आवास योजना को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा लगातार नजरअंदाजी की जा रही है.
हितग्राहियों का कहना है कि नए मकान तो मिलने से रहे लेकिन जो मकान उनके अधूरे पड़े हैं उन्हें सरकार जल्द से जल्द पूरा करवा दें. बारिश का मौसम शुरु हो गया है ऐसे में अधूरे पड़े मकान में रह भी नहीं सकते, इसलिए मजबूरन झोपड़ी बनाकर उन्हें रहना पड़ रहा है. भारी बारिश में उसके भी उजड़ने की पूरी संभावना बनी रहती है ऐसे में सभी हितग्राही सरकार से गुहार लगाने को मजबूर हैं.
तीन सालों से नहीं मिली राज्य शासन से राशि
जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया कि साल 2020 और 21 में जो 7 हजार आवास का लक्ष्य रखा गया था उनमें जो अधूरे पड़े मकान हैं उनको पूरा करने के आधार पर किस्त जारी होती है. अब तक राशि राज्य सरकार से नहीं मिल पाई है. राशि मिलने के बाद ही साल 2021-22 और 23 का लक्ष्य राज्य सरकार के द्वारा भेजा जायेगा. बस्तर जिले के हितग्राही मकान बनकर तैयार होने की लगातार इंतजार कर रहे हैं. वहीं गरीबों को खुद की छत सालों से नसीब नहीं हो पा रही है. इस लेटलतीफी को लेकर अधिकारी और कर्मचारी भी कुछ कहने को तैयार नहीं हैं.
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