Cow Dung Paint: बस्तर में गाय के गोबर से तैयार होगा प्राकृतिक पेंट, फायदे सुनकर हो जाएंगे हैरान
Cow Dung Paint: सरकार की गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) के तहत गौठानों (Gauthan) में खरीदे जा रहे गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जाएगा. 50 हजार मवेशी मालिकों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य है.
Cow Dung Paint: अब तक आपने गाय के गोबर से कंडे, दिया, गैस और खाद बनाते सुना होगा, लेकिन अब गोबर (Cow Dung) से प्राकृतिक पेंट (Paint) तैयार किया जाएगा. इसके लिए छत्तीसगढ़ के बस्तर में तैयारी शुरू कर दी गई है. दरअसल सरकार की गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) के तहत गौठानों (Gauthan) में खरीदे जा रहे गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जाएगा.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में पहली बार गोबर से बनाए जाने वाले पेंट का निर्माण बकावंड ब्लॉक के मंगनार और सतलावण्ड गांव के साथ नगर निगम संचालित एक गौठान में किया जाएगा. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद बस्तर जिले के गौठानों में योजना शुरू करने की कवायद चल रही है.
बताया जा रहा है कि इसके लिए पशुपालन विभाग, कृषि विभाग और नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी को जयपुर में गोबर से पेंट बनाने का प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा गया था. प्रशिक्षण लेकर लौटे कर्मचारियों ने बताया कि उम्मीद की जा रही है कि योजना की शुरुआत करीब 1 महीने के अंदर हो जाएगी.
गोबर से पेंट बनाने का प्रशिक्षण लेकर लौटे कर्मचारी
नगर निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पहली बार बस्तर जिले में ही गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का काम किया जाएगा और इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है. बकायदा गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का प्रशिक्षण लेने के बाद अब नगर निगम भी जल्द से जल्द शुरुआत करने की तैयारी में लग गया है.
आयुक्त ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य केमिकल पेंट के स्थान पर लोगों को कम कीमत में प्राकृतिक पेंट की उपलब्धता सुनिश्चित कराना और महिला समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. उन्होंने कहा कि गोबर से तैयार होने वाला पेंट सेहत के साथ ही घर की दीवारों के लिए फायदेमंद होगा. गोबर से पेंट को तैयार करने में करीब 4 से 7 दिन का समय लगेगा.
जयपुर से प्रशिक्षण लेकर पहुंचे कर्मचारियों का कहना है कि गाय के गोबर को बारीक कर 40 फीसद तक तरल निकाला जाता है. इसके बाद उसमें टाइटेनियम डाइऑक्साइड, कैल्शियम कार्बोनेट थिकनर समेत कई तरल और प्राकृतिक रंग मिलाकर पेंट तैयार किया जाता है. 1 लीटर पेंट में गोबर का अंश करीब 20 फीसदी होता है.
गोबर से प्राकृतिक पेंट के निर्माण की कार्य योजना कृषि विभाग की तरफ से तैयार की गई है. पहले चरण में चयनित 3 गौठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण सह कार्बोक्सी मिथाइल सैल्युलोज निर्माण की ईकाई स्थापित की जाएगी. इसमें करीब 45 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे.
कृषि अधिकारियों ने बताया कि 3 गौठानों में बनाई जाने वाली हर यूनिट पर करीब 15 लाख की लागत आएगी. प्राकृतिक पेंट का मुख्य घटक कार्बोक्सी मिथाइल सेल्युलोज होता है. करीब 100 किलो गोबर से लगभग 10 किलो सूखा सीएमसी बनता है. प्राकृतिक पेंट की मात्रा में 30 फीसद भाग से सीएमसी का होता है. 500 लीटर प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए लगभग 30 किलो सूखा सीएमसी की जरूरत होती है.
अधिकारियों ने बताए गोबर से तैयार पेंट के 8 फायदे
कृषि अधिकारियों और निगम आयुक्त ने बताया कि गाय के गोबर से तैयार पेंट के 8 फायदे हैं. पेंट पर्यावरण के अनुकूल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, सामान्य पेंट के मुकाबले सस्ता और गंधरहित रहेगा. दीवारों पर पुताई से कमरे में गर्मी के मौसम में ठंड और ठंड के मौसम में गर्मी का एहसास होगा. ऑर्गेनिक वैदिक पेंट के उत्पादन से जिले में लगभग 50 हजार से अधिक मवेशी मालिकों को फायदा मिलेगा.