Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज से धान खरीदी की शुरुआत होने वाली है और इसे लेकर बस्तर जिला प्रशासन ने भी जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में सभी तरह की तैयारी पूरी कर लेने का दावा कर रही है, लेकिन इन धान खरीदी केंद्रों की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है. जिले के अधिकांश धान खरीदी केंद्रों में किसानों को धान बेचने के लिए टोकन तक नहीं दिए गए हैं. जिससे किसान काफी नाराज हैं. नियम के मुताबिक धान खरीदी शुरू होने के 2 दिन पहले से ही किसानों को बकायदा धान बेचने के लिए केंद्रों से टोकन जारी किया जाता है, लेकिन बस्तर जिले के ऐसे कई धान खरीदी केंद्र में किसानों को टोकन ही जारी नहीं किया गया है. जिससे कई किसान इन केंद्रों से मायूस होकर वापस लौट गए. वही प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश मिलने के बावजूद भी बस्तर में इन धान खरीदी केंद्रों में किसानों के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है. लिहाजा किसान टोकन पाने के लिए सुबह से ही धूप में खड़े रहे और टोकन नहीं मिलने से वापस अपने घर लौट गए.
टोकन नहीं मिलने से निराश किसान लौटे घर
जगदलपुर शहर के करंजी गांव में सुबह से किसान भूखे प्यासे टोकन लेने के लिए धान खरीदी केंद्र तक पहुंचे हुए थे लेकिन यहां केंद्र के कर्मचारियों ने अभी टोकन नहीं मिलने की बात कहते हुए शाम के वक्त बुलाया और शाम को भी इन किसानों को टोकन नहीं मिल पाया, दरअसल आज 1 दिसंबर से छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में धान खरीदी की शुरुआत होने वाली है और इसके लिए 2 दिन पहले से ही किसानों को टोकन देने के लिए शासन ने आदेश जारी किया था. लेकिन करंजी ग्राम के धान खरीदी केंद्र में टोकन के लिए ट्रायल चलने की बात कहते हुए और नौसिखिया ऑपरेटर होने की वजह से किसानों को देर शाम तक टोकन ही नहीं मिल पाया और कई किसान वापस अपने घर लौट गए.
30 नवंबर तक टोकन मिलने की दी गई थी सूचना
किसानों ने बताया कि उन्हें 30 नवंबर को टोकन मिलने की सूचना दी गई थी और इसी उम्मीद से वे सुबह से ही धान खरीदी केंद्र में पहुंचे हुए थे लेकिन जब यहां पहुंचे तो ऑपरेटर ने अभी टोकन नहीं मिलने की बात कहते हुए शाम को आने की बात कही, किसानों का कहना है कि अगर उन्हें टोकन मिल जाता तो वह कल से अपने धान बेचने यहां पहुंचते लेकिन पहले से ही धान खरीदी लेट शुरू होने के बाद भी शासन ने और खास करक धान खरीदी केंद्र के पदाधिकारियों ने आधी अधूरी तैयारी कर रखी है जिस वजह से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने कहा कि पहले से ही बेमौसम बारिश की वजह से उनके कई क्विंटल धान खराब हो चुके हैं उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से भी मांग की है कि उनकी मेहनत से उगाई हुई धान छत्तीसगढ़ सरकार खरीदें , अगर उनके धान रिजेक्ट कर दिये जाते हैं तो उन्हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ेगा क्योंकि पहले ही फसल उगाने के लिए वे लाखों रुपए का कर्जा ले चुके है.
व्यवस्था जल्द दुरुस्त करने के दिए गए आदेश
केंद्र में टोकन नहीं कटने की जानकारी मिलने के बाद तहसीलदार जोली जेम्स भी धान खरीदी केंद्र पहुंचे और उन्हें भी यह जानकारी मिली थी कि टोकन की ट्रायल होने की वजह से किसानों को दोपहर 2 बजे तक भी एक भी टोकन का वितरण नहीं किया गया, उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश धान खरीदी केंद्र के प्रभारी और कर्मचारियों को दिए गए हैं. वहीं किसानों के लिए केंद्रों में सारी व्यवस्था दुरुस्त कर रखने को भी आदेश किया गया है. उन्होंने कहा कि जिले के कई केंद्रों में टोकन नहीं मिलने की जानकारी उन्हें भी मिली है जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए गए है.
मुख्यमंत्री के आदेश का नहीं हो रहा है पालन
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बार धान खरीदी शुरू होने से पहले ही सभी जिलों के एसपी और कलेक्टर से अवैध धान के परिवहन को रोकने और जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में किसानों के लिए शौचालय, पेयजल की व्यवस्था उन्हें बैठने के लिए जगह और कोरोना को देखते हुए सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था दुरुस्त कर रखने की बात कही थी. लेकिन बस्तर में मुख्यमंत्री के आदेश का पालन होता नहीं दिखाई दे रहा है, लिहाजा किसान टोकन पाने के लिए तपती धूप में खरीदी केंद्रों के बाहर खड़े है और टोकन नहीं मिलने से काफी नाराजगी भी व्यक्त की हैं.
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