Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में पहले से ही यात्री रेल सुविधाओं की कमी है. कोरोना के शुरुआती दौर से 3 यात्री ट्रेनों का परिचालन रेल मंत्रालय ने रोक दिया है. करीब डेढ़ वर्षो से बंद पड़ी 3 यात्री ट्रेनों के परिचालन को दोबारा शुरू करवाने की मांग तेज हो गई है. आज बस्तर सांसद दीपक बैज (Deepak Baij) के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने रेलवे स्टेशन पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने स्टेशन मास्टर के माध्यम से केंद्रीय रेल मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा. बस्तर सांसद दीपक बैज शीतकालीन सत्र में भी बस्तर की बंद पड़ी ट्रेनों को दोबारा चालू करने की मांग उठा चुके हैं. बावजूद इसके कोई पहल होता ना देख आज बड़ी संख्या में बस्तर सांसद समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शहरवासियों ने रेलवे स्टेशन परिसर पर एक दिवसीय सत्याग्रह किया.


डेढ़ वर्ष बाद भी नहीं शुरू हुआ 3 यात्री ट्रेनों का परिचालन


दरअसल बस्तर से 6 यात्री ट्रेनों का संचालन किया जाता रहा है, लेकिन कोविड के शुरुआती दौर से ही सभी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया. लगातार मांग के बाद 3 यात्री ट्रेनों का परिचालन कुछ महीने पहले शुरू तो किया गया लेकिन डेढ़ वर्ष बाद भी किरंदुल- विशाखापट्टनम नाइट एक्सप्रेस, जगदलपुर-दुर्ग एक्सप्रेस और समलेश्वरी-एक्सप्रेस को अब तक शुरू नहीं किया गया. ट्रेनों के बंद होने से बस्तरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले में बस्तर सांसद दीपक बैज का कहना है कि देश में कोरोना का प्रकोप कम होने के साथ ही अन्य राज्यों में यात्री ट्रेन सेवा बहाल कर दी गई लेकिन आज भी बस्तरवासी बंद पड़ी इन ट्रेनों को शुरू करने की मांग कर रहे हैं.


सांसद ने कहा कि उन्होंने कई बार रेल मंत्रालय को यात्री ट्रेन चालू करने के लिए पत्र लिखा. यही नहीं संसद में भी बंद पड़ी ट्रेनों को बहाल करने की मांग उठाई. बावजूद इसके रेल मंत्रालय बस्तर वासियों की इस मांग को पूरी तरह से अनसुना कर रहा है. इसलिए आज उन्हें अपने समर्थकों के साथ सत्याग्रह में उतरना पड़ा. बैज ने बताया कि बस्तर को दूसरे राज्यों से जोड़ने के लिए यात्री ट्रेन ही एकमात्र साधन है. सुविधा भी कई बार रेल रोको आंदोलन करने के चलते मिल पाई है. लेकिन अब तक देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय और केंद्र सरकार बंद पड़ी इन तीन यात्री ट्रेनों को शुरू करने में रुचि नहीं ले रहे हैं. सांसद का कहना है कि जब तक इन यात्री ट्रेनों को दोबारा शुरू नहीं किया जाता आंदोलन करते रहेंगे.


बस्तर सांसद ने रेलवे बोर्ड को दी एक हफ्ते की मोहलत


उन्होंने कहा कि सप्ताह भर के भीतर रेलवे बोर्ड की तरफ से अगर इस पर कोई जवाब नहीं मिलता है तो एक बार फिर से बस्तर में रेल रोको आंदोलन शुरू किया जाएगा. रेल मंत्रालय को सौंपे गए ज्ञापन में तीनों यात्री ट्रेनों को शुरू करने के अलावा कई मांगें हैं. जगदलपुर को राजधानी रायपुर से जोड़ने के लिए रावघाट रेल परियोजना का कार्य जल्द से जल्द  पूरा करने, नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले को रेल लाइन से जोड़ने और इस रेलमार्ग के लगभग पांच चयनित जगहों पर ओवरब्रिज बनाने के साथ ही जगदलपुर में अधूरे पड़े वासिंग लाइन का निर्माण जल्द से जल्द पूरा करने की मांग भी बस्तर सांसद के ज्ञापन में शामिल हैं.


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