Bastar Food Park: छत्तीसगढ़ के बस्तर में देश का दूसरा सबसे बड़ा फूड पार्क (Second Largest Food Park) तैयार होने जा रहा है. इस फूड पार्क में बस्तर के 30 हजार से अधिक स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिलने की संभावना है. बस्तर के लघु वनोपज (Minor Forest Produce) को एक जगह इकट्ठा कर इस फूड पार्क में प्रोडेक्ट तैयार करने के बाद एक्सपोर्ट (Export) किया जाएगा. लगभग 10 एकड़ में तैयार हो रहे इस फ़ूड पार्क में 40 से अधिक फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट की यूनिट लगेगी, जिससे लघु वनोपज प्रसंस्करण करने के साथ ही इसकी पैकेजिंग कर निर्यात किया जाएगा. आने वाले 3 महीनों के भीतर फ़ूड पार्क बनकर तैयार होने की पूरी संभावना है.


30 हजार लोगों को मिलगा रोजगार


जगदलपुर शहर से लगे सेमरा गांव में बस्तर जिला प्रशासन की तरफ से बस्तर फूड पार्क का निर्माण किया जा रहा है. लगभग 8 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस फूड पार्क में बस्तर के सभी लघु वनोपज का प्रसंस्करण केंद्र स्थापित होगा. इमली, महुआ, काजू, टोरा, कोदो कुटकी, रागी से लेकर बस्तर के सभी लघु वनोपज के लिए यहां प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं. वन-धन के जरिए वनोपज को प्रोसेस करने के लिए 30 से 40 यूनिट लगाई जा रही है. इस प्लांट में बस्तर जिले के साथ-साथ बस्तर संभाग के लगभग 30 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. जिसमें विभिन्न महिला स्व सहायता समूह व स्थानीय आदिवासी शामिल हैं. 


3 महीनों के भीतर बनकर होगा तैयार 


बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि ट्रायफेड (TRIFED) भारत सरकार की संस्था है. उसकी मदद से सेमरा में 8 करोड़ का फूड पार्क तैयार किया जा रहा है. इस फूड पार्क में लघु वनोपजों का प्रसंस्करण की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी. ये प्रोजक्ट पूरे बस्तर संभाग के लिए माइलस्टोन साबित होगा. आने वाले 2 से 3 महीनों में इस फूड पार्क का काम पूरा हो जाएगा. इस फूड पार्क के जरिए हजारों आदिवासियों और लघु वनोपज संग्रह करने वालों को रोजगार मिलेगा. आने वाले समय में यहां से बस्तर के प्रोडेक्ट्स देश और विदेशों में एक्सपोर्ट किए जा सकेंगे. कलेक्टर ने बताया कि ट्रायफेड संचालक प्रवीण कृष्ण ने बस्तर में फूड पार्क बनाये जाने के प्रस्ताव में हामी भरने के साथ ही गोवा की फेनी की तरह ही बस्तर महुआ से ब्रिजर ड्रिंक तैयार करने की हरी झंडी दिखा दी है.


वनोपज के लिए पहचाना जाएगा बस्तर


दरअसल  बस्तर में महुआ की लड्डू, कैंडी, बस्तर कॉफी, चाय, इमली कैंडी, सॉस, काजू के प्रोडेक्ट्स के साथ ही वनोपज से कई प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं. इन्हीं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए फूड पार्क तैयार हो रहा है. उसकी वजह से नक्सलियों के लिए जाने जाना वाला बस्तर अब अपने वनोपज के लिए देशभर में पहचाना जाएगा. साथ ही इस फूड पार्क में बस्तर के वनोपज से प्रोडक्ट तैयार कर देश विदेशों में निर्यात किया जाएगा जिससे बस्तर के ग्रामीणों को अच्छी आय भी हो सकेगी.


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