NMDC Steel Plant Privatization: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के नगरनार में NMDC स्टील प्लांट बनकर तैयार होने वाली है. केंद्र सरकार ने इस स्टील प्लांट के निजीकरण का फैसला लिया है और इसके नीलामी में कई बड़ी कंपनियों ने टेंडर भी भर दिया है. 27 जनवरी को इस स्टील प्लांट के नीलामी के लिए टेंडर प्रक्रिया का आखिरी दिन था. इस प्लांट के निजीकरण के प्रक्रिया के बीच शुक्रवार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नगरनार के प्रभावित किसानों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने प्लांट के निजीकरण का जमकर विरोध किया.


साथ ही स्टील प्लांट के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया, जिससे प्लांट में काम पूरी तरह से प्रभावित रहा. ग्रामीणों का कहना है कि केंद्र सरकार को इस स्टील प्लांट को किसी भी कीमत पर निजी हाथों में सौंपने नहीं दिया जाएगा. इस प्लांट को NMDC को ही संचालन करना पड़ेगा या फिर केवल राज्य सरकार ही इसका संचालन करेगी.


NMDC या राज्य सरकार करे संचालन


जगदलपुर कांग्रेस के विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि प्लांट के निजीकरण के विरोध में धरना प्रदर्शन के दौरान संयुक्त पंचायत जन संघर्ष समिति और स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने एक प्रस्ताव लाया. इस प्रस्ताव में निर्णय लिया गया कि नगरनार स्टील प्लांट के नीलामी में कोई भी बोलीदार बोली नहीं लगाये, जो भी बोली लगाएगा उसको नगरनार स्टील प्लांट में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा. इसका संचालन तो दूर की बात है, इसके अलावा नगरनार ग्राम के सरपंच लैखन बघेल ने कहा कि इसके विरोध में एक हजार से ज्यादा ग्रामीण, स्थानीय प्लांट के कर्मचारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इकट्ठा होकर केवल एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर किया. इससे एक दिन प्लांट में काम प्रभावित रहा, अगर केंद्र सरकार फिर भी प्लांट के निजीकरण का फैसला लेती है, तो आने वाले समय में नगरनार गांव के हजारों ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे.


प्लांट में की तालाबंदी


दरअसल केंद्र सरकार के निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एनएमडीसी स्टील प्लांट के लिए बोलियां जमा करने की अंतिम तारीख 27 जनवरी को घोषित की. नीलामी की जानकारी लगने के बाद अब बस्तर में प्लांट के निजीकरण का तेज विरोध हो रहा है. सर्व आदिवासी समाज के साथ इस विरोध प्रदर्शन में नगरनार स्टील प्लांट प्रभावित ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों, सहित मजदूर यूनियन के पदाधिकारी भी धरना प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे. सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया कि निजीकरण का विरोध करते हुए शुक्रवार को एक दिन के लिए प्लांट में तालाबंदी की गई. इसके साथ ही आने वाले दिनों में निजीकरण का विरोध करते हुए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा. इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने धरना स्थल पर कांग्रेस के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आसपास के गांव के सैकड़ों ग्रामीण भी पहुंचे.


ये भी पढ़ेंः Chhattisgarh News: दल से बिछड़े हाथी ने फिर एक व्यक्ति की ली जान, सुरक्षा श्रमिक को सूंड से उठाकर पटका