Bastar Govt Hospital: प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के सवा चार साल पूरे हो चुके हैं. इसके बाद भी बस्तरवासियों से किए गए वादे को सरकार आज तक पूरा नहीं कर सकी है. बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ सुविधा को दुरुस्त करने के लिए कांग्रेस ने यहां के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ट्रामा सेंटर की सौगात देने की घोषणा की थी. लेकिन, यह सौगात अब कांग्रेस के इस कार्यकाल में तो मिलता दिखाई नहीं दे रहा है. इसके लिए बस्तर वासियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.


जवानों को होती है सबसे अधिक दिक्कत
दरअसल, बस्तर में ट्रॉमा सेंटर नहीं होने से सबसे ज्यादा दिक्कत नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को हो रही है, जो आए दिन नक्सलियों से होने वाली मुठभेड़ों में और आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आकर घायल होते हैं. सड़क दुर्घटनाओं में भी गंभीर रूप से घायल मरीजों का भी ट्रामा सेंटर नहीं होने से इलाज नहीं मिल पाता है. कांग्रेस के चुनावी घोषणा के चार साल बीत जाने के बाद भी  संभाग के इस सबसे बड़े सरकारी अस्तपाल में ट्रॉमा सेंटर अब तक नहीं बन पाया है. 


जानें क्या कहता है अस्पताल प्रबंधन
अस्पताल प्रबंधन का कहना है ट्रॉमा सेंटर को पूरा होने में अभी और समय लग सकता है. इस कारण सड़क दुर्घटनाओं में घायल मरीजों और मुठभेड़ों में घायल जवानों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. इस कारण करोड़ो का अस्पताल रेफर सेंटर बन कर रह गया है. मजबूरन बेहतर इलाज के लिए जवानों को   रेफर करना पड़ता है. इस दौरान रास्ते में ही कई जवानों की मौत हो जाती है. सड़क हादसों में गंभीर रूप से जख्मी मरीजों के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है. 


20 बेड का ट्रामा सेंटर होना था तैयार
जानकारी हो कि बस्तर पिछले तीन दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. पूरे बस्तर संभाग में एक लाख से ज्यादा अर्धसैनिक बलों के जवान नक्सल मोर्चे पर तैनात हैं. अंदरूनी इलाकों में आए दिन नक्सलियों से मुठभेड़ में जवान घायल होते हैं. नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए आईईडी की चपेट में भी आते हैं. पुलिस कैंप में जवानों को केवल प्रारंभिक उपचार ही मिल पाता है. इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया जाता है. वहां भी बेहतर इलाज नहीं मिल पाने से एयर एंबुलेंस से राजधानी रायपुर रेफर किया जाता है. 


लंबे समय से मांग कर रहे हैं बस्तरवासी
लंबे समय से बस्तरवासी जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर बनाने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस ने अपने चुनावी वायदे में बस्तर वासियों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में  ट्रॉमा सेंटर देने का वादा किया था. सभी को उम्मीद थी कि घोषणा के करीब 2 साल बाद तक ट्रामा सेंटर की सौगात  मिल जाएगी. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के सवा 4 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक ट्रामा सेंटर पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुआ. अभी भी इसे पूरी तरह से बनने में लंबा समय लग सकता है. डिमरापाल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनूप साहू ने बताया कि अस्पताल परिसर में 20 बेड का ट्रॉमा सेंटर बनाया जा रहा है. हालांकि, कोरोना काल की वजह से इसे बनाने में काफी लंबा समय लग गया.लेकिन, अब काम में तेजी लाई गई है. यह कब तक बनकर पूरी तरह से तैयार हो सकता है, इसके बारे में अभी कुछ कह पाना संभव नहीं है.


बीजेपी ने बनाया चुनावी मुद्दा 
इधर, बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है. बीजेपी के जिला अध्यक्ष रूप सिंह मंडावी का कहना है कि बीजेपी शासनकाल में जगदलपुर शहर के डिमरापाल में बस्तर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल का निर्माण कराया गया. करीब 600 बेड के अस्पताल को 400 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया था. चुनावी समय में कांग्रेस ने अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर खोलने का बस्तर वासियों को वादा किया. लेकिन, सरकारी अस्पताल का इतना बड़ा स्ट्रक्चर तैयार करने के बावजूद कांग्रेस की सरकार चार साल में एक ट्रामा सेंटर भी नहीं खोल पाई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास पहले ही बजट की कमी है. ऐसे में बस्तरवासियों के साथ-साथ प्रदेशवासियों से भी कांग्रेस ने लोक लुभावने वायदे तो किये, लेकिन आज तक इन्हें पूरा नहीं कर पाई. अब जनता भी समझ गई है कि कांग्रेस के कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है.


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