Bastar Crime News Today: छत्तीसगढ़ की बस्तर पुलिस ने ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. बस्तर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किरया है. ये सभी आरोपी गुजरात के रहने वाले हैं.


आरोपियों ने जगदलपुर शहर के अजीत कुमार ठाकुर नाम के व्यक्ति से करीब 28 लाख रुपये शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने के नाम पर ठग लिए. पीड़ित फेसबुक लिंक के जरिए शातिर ठगों के संपर्क में आया था. इसके बाद ठगों ने पीड़ित को आईसीआईसीआई बैंक का फर्जी ऐप डाउनलोड कराया.


ठगों ने मोटा मुनाफा देकर उड़ाए लाखों
ठगों ने इस फर्जी ऐप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट कराए. शुरुआत में  5 हजार रुपये इन्वेस्ट करने पर पीड़ित को 85 हजार रुपये का मुनाफा दिया. जिसके बाद पीड़ित ज्यादा प्रॉफिट के झांसे में आ गया. इसके बाद युवक ने 28 लाख रुपये फर्जी ऐप में इन्वेस्ट कर दिए. 


फिलहाल पुलिस ने इस मामले में जमशेद अहमद, प्रवीण खटीक, राकेश पहाड़िया, रमेश आर. पंचाल, राकेश राजपूत और ट्विंकल शर्मा को गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया है. 


इस पूरे मामले में खास बात यह निकल कर सामने आई है कि फर्जी ऐप का संचालन विदेश से हो रहा था. चर्चित महादेव सट्टा ऐप का संचालन भी दुबई से किया जा रहा था. ऐसे में बस्तर पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है. साथ ही आरोपियों से पूछताछ कर रही है.


बैंक का लिंक देकर फ्रॉड
बस्तर में फ्रॉड से बचने के लिए लगातार पुलिस के जरिये जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. बावजूद इसके फर्जी ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट  कंपनी में पैसे इन्वेस्ट करने और फर्जी कॉल के माध्यम से लोग इसका शिकार हो रहे हैं. कुछ महीने पहले भी जगदलपुर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी अजित कुमार ठाकुर साइबर ठगी का शिकार हुए. 


बस्तर एसपी सलभ सिन्हा ने बताया कि अजीत कुमार ने नगरनार थाना पहुंच शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि फेसबुक अकाउंट में इंडियन स्टॉक ऑफिस वीआईपी 76 का लिंक देखकर व्हाट्सएप ग्रुप में मेंबर बना था.


यहां पीड़ित ने पैसा निवेश कर लाभ कमाने के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटी इंटरनेशनल इन्वेस्ट नाम का ऐप डाउनलोड किया, उसके बाद प्रार्थी अजीत कुमार ने ऐप के जरिये डेली रिव्यू देने पर हर रोज 5000 रुपये खाते में जमा होने से अपर सर्किट स्टॉक, आईपीओ में निवेश करना शुरू किया. 


पीड़ित ने फर्जी ऐप में किए 28.81 लाख इन्वेस्ट
लाभ मिलने पर पीड़ित ने 85 रुपये निकाल लिए. इस प्रक्रिया में विश्वास होने पर फिर ऐप के माध्यम से पीड़ित अजित कुमार ने 28 लाख 81 हजार रुपये इन्वेस्ट किए. इसमें पीड़ित को लाभ दिखाई पड़ा, लेकिन विड्रॉल करने पर उसे को रकम नहीं मिली. इस पीड़ित को अपने साथ हुए फ्राड का एहसास हुआ.


भुगतान नहीं मिलने पर अजीत कुमार ठाकुर ने साइबर ठगी होने की रिपोर्ट नगरनार थाने में दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की. साइबर टीम की मदद से पुलिस ने इस मामले में अंतरराज्यीय गिरोह के 6 सदस्यों को गुजरात से गिरफ्तार किया. 


न्यायिक रिमांड पर भेजा गया जेल
इन आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. पूछताछ ने आरोपियों ने बताया कि प्रार्थी अजीत ठाकुर के निवेश का धन अपने खाते में डालकर पैंसे ऐंठ लेते थे. इन आरोपियों के जरिये एक-एक व्यक्ति के नाम पर बाकायदा अलग-अलग बैंक खाता खुलवाकर इनमें पैसा  इन्वेस्ट कराया जाता था. 


खाते में आने वाली रकम का आहरण कर विदेश में भेजने की बात भी स्वीकार की. जिसके लेनदेन की पुष्टि तकनीकी साक्ष्य के आधार पर हो रही है और इस मामले में पुलिस आगे की छानबीन कर रही है. फिलहाल आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है. 


'महादेव सट्टा ऐप से जुड़े हो सकते हैं तार'
एसपी सलभ सिन्हा ने बताया कि आरोपियों में एक महिला भी शामिल है. पुलिस इस फर्जी ट्रेडिंग इन्वेस्ट कंपनी के तार विदेश से जुड़ने की जानकारी मिलने के बाद मामले की छानबीन में जुटी है. 


बस्तर एसपी ने बताया कि महादेव सट्टा ऐप से इस फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के तार जुड़े हो सकते हैं, ऐसे में पुलिस इसकी बारीकी से जांच कर रही है. फिलहाल अंतरराज्यीय गिरोह के 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इन्हें रिमांड पर लेकर इनसे पूछताछ की जा रही है. 


ऑनलाइन ठगी से बचने की अपील
एसपी ने बस्तर वासियों से अपील करते हुए कहा, "इस तरह के ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, ऐसे में किसी भी कंपनी में सोच समझकर इन्वेस्ट करने के साथ सोशल मीडिया में ऑनलाइन पेमेंट और फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर आने वाले लिंक पर क्लिक ना करें और फर्जी कॉल से बचें.


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