Wanted Naxali of Bastar: बस्तर संभाग में पिछले चार दशकों से नक्सल संगठन पैठ जमाए हुए है. चार दशकों में नक्सलियों ने सैकड़ों पुलिस जवानों की जान लेने के साथ कई आम नागरिकों को भी मौत के घाट उतारा है. पिछले दो दशकों में नक्सलवाद का विस्तार बस्तर संभाग के सातों जिलों के साथ राजनंदगांव और अन्य क्षेत्रों में भी हो गया. बस्तर में नक्सलवाद की पैठ मजबूत करने के लिए छत्तीसगढ़ से बाहरी नक्सलियों का सबसे ज्यादा हस्तक्षेप रहा.
बाहरी नक्सलियों की रणनीति ने धीरे-धीरे बस्तर के ग्रामीणों को प्रभावित किया. सैकड़ों स्थानीय ग्रामीण नक्सल संगठन से जुड़े और आज लाखों रुपए के इनामी बन गए. बस्तर पुलिस की हिट लिस्ट में भी कई नाम शामिल हैं. सबसे खूंखार और दुर्दांत नक्सली हिड़मा को माना जाता है. हिड़मा उर्फ हिड़मन्ना नक्सली पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है. पुलिस नक्सली मुठभेढ़ में 60 से अधिक जवानों की हत्या को हिड़मा के नेतृत्व में अंजाम दिया गया. हिड़मा को झीरम घाटी जैसे बड़े नक्सली हमले का मास्टरमाइंड भी कहा जाता है.
बस्तर पुलिस ने 40 लाख रुपए का रखा है इनाम
जानकारी के मुताबिक हिड़मा करीब 40 साल के उम्र का नक्सली है. दुर्दांत नक्सली सुकमा जिले के पूर्वती गांव का आदिवासी है. बताया जाता है कि हिड़मा 90 के दशक में नक्सली बना था. वर्तमान में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर-1 का मुखिया और साउथ सब जोनल कमांडर इन चीफ (DKSZCM) का सदस्य भी है. हिड़मा को भयंकर और घातक हमले के लिए जाना जाता है.
जानकारी के मुताबिक हिड़मा करीब 180 से 250 नक्सलियों के समूह का सरगना है. समूह में महिलाएं भी शामिल हैं. सीपीआई (CPI M) के सर्वोच्च 21 सदस्यीय केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य भी है. हिड़मा के खिलाफ एनआईए (NIA) ने भी झीरम घाटी हमले से लेकर पूर्व विधायक भीमा मंडावी की हत्या मामले में चार्जशीट फाइल की है. पिछले 10 वर्षों से बस्तर में हुए सभी बड़े नक्सली वारदातों में हिड़मा का ही नाम सामने आया है. बस्तर के नक्सलियों में सबसे टॉप पर हिड़मा का नाम है. यही वजह है कि बस्तर पुलिस ने हिड़मा पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है.
बस्तर का सबसे खूंखार नक्सली हिड़मा की तलाश केवल छत्तीसगढ़ पुलिस ही नहीं बल्कि तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश पुलिस को भी है. चारों ही राज्यों की पुलिस के लिए हिड़मा मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल है. हिड़मा का ठिकाना बदलते रहने की वजह से पुलिस की पकड़ में आना मुश्किल हो गया है. छत्तीसगढ़ के साथ ही चारों राज्यो में हिड़मा कई बड़े नक्सली वारदातों को अंजाम दे चुका है.
आक्रामक हमले से सुरक्षा बलों को भारी नुकसान पंहुचा है. सभी राज्यों की पुलिस ने नक्सली हिड़मा पर अलग-अलग रकम का इनाम घोषित किया है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि हिड़मा बस्तर पुलिस की हिट लिस्ट में शामिल है. लंबे समय से बस्तर पुलिस हिड़मा की तलाश कर रही है. हालांकि हिड़मा के ठिकाना बदलने की वजह से पुलिस को हाथ नहीं लग पाता. कई बार हिड़मा की मौजूदगी का इनपुट मिलने पर सुरक्षा बलों की टीम को रवाना किया गया है. दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ भी जॉइंट ऑपरेशन चलाया गया है. बावजूद इसके हर बार हिड़मा मौके से भाग निकलने में कामयाब रहा है. बस्तर आईजी को उम्मीद है कि हिड़मा जिंदा या मुर्दा जरूर बस्तर पुलिस के हाथ लगेगा.
एक हजार लड़ाकों का नेतृत्व करता है हिड़मा
नक्सली कमांडर हिड़मा सुकमा के जंगलों में करीब एक हजार लड़ाकों को संचालित करता है. नक्सलियों के अधिकांश कमांडर आंध्र प्रदेश से आते हैं. हिड़मा शातिर अंदाज और बस्तर में किए गए बड़ी घटनाओं के दम पर काफी वरिष्ठ हो गया है. कुछ महीने पहले बीजापुर में हुए बड़े नक्सली हमले के बाद बस्तर में तैनात सुरक्षा बलों को भी सरगर्मी से तलाश है. नक्सली कमांडर हिड़मा को संतोष उर्फ इंदमूल उर्फ पोड़ियामी जैसे कई नामों से भी जाना जाता है. हिड़मा के काम करने का अंदाजा किसी को नहीं है. सुरक्षा बलों के पास 2016 की उसकी बस एक तस्वीर है. अभी हिड़मा कैसा दिखता है इसकी जानकारी भी सुरक्षा बलों को नहीं है. गौरतलब है कि इस गांव तक पुलिस तो पहुंची लेकिन हिड़मा हाथ नही लगा. इसके पीछे मुख्य वजह गांव का दुर्गम पहाड़ी और घने जंगलों से घिरा होना है. इलाके में आज भी नक्सलियों की जनताना सरकार की तूती बोलती है.
हिड़मा के अलावा ये भी हैं मोस्ट वांटेड नक्सली
बस्तर में नक्सली कमांडर हिड़मा के अलावा स्थानीय नक्सलियों में सुरेंद्र उर्फ सोमा सोढ़ी भी 25 लाख रुपए का इनामी है. नक्सली वेंकटेश उर्फ मासा उर्फ संतु पर 25 लाख और रामदेर उर्फ मजबी पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित है. हिड़मा के साथ सभी नक्सली कमांडर छत्तीसगढ़ पुलिस समेत कई नक्सल प्रभावित राज्यों की पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड हैं.