Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी डिजिटल इंडिया को लेकर शुरू की गई शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में ई-पीओएस (POINT OF SALE) मशीन पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही है. पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) की दुकानों में नेटवर्क नहीं होने की वजह से लाभार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बस्तर जिले के लगभग 30 उचित मूल्य की दुकानों में स्थापित ई पीओएस मशीनें शो पीस बनकर रह गई है.


दरअसल, केंद्र सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत ई-पीएओएस मशीन के माध्यम से राशन हितग्राही परिवारों के कोई भी सदस्य अंगूठा लगाकर पीडीएस दुकान से राशन की सुविधा ले सकता है. इसके साथ ही इस योजना के अंतर्गत जिन व्यक्ति के पास राशन कार्ड है वे राष्ट्रीय पोटेबिलिटी कराकर अन्य राज्यों से भी राशन खरीद सकते हैं.


नेटवर्क की बनी समस्या


दरअसल, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मई 2022 से इस योजना को पूरे देश में लागू किया गया है.  बस्तर जिले में करीब 483 राशन दुकानें खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा संचालित है. सभी दुकानों में ई पीएओएस की सुविधा विभाग के द्वारा दी जानी है लेकिन नेटवर्क की परेशानियों की वजह से जिले के अधिकतर पीडीएस दुकानों में और  दूरस्थ इलाकों में मौजूद दुकानें में ऑफलाइन राशन वितरण किया जा रहा है.


कई बार हितग्राही राशन दुकानों में राशन लेने के लिए अपना पूरा दिन गुजार देते है फिर भी उन्हें पूरी तरह से राशन नहीं मिल पाता. वजह यही है कि नेटवर्क की परेशानी होती है जिससे लाभार्थियों को पूरी तरह से निराश होकर घर वापस लौटना होता है. हालांकि कई जगह ऑफलाइन कर दिया गया है जिससे लाभार्थियों को थोड़ी राहत मिल रही है लेकिन राशन वितरण के लिए इस नई प्रणाली का उपयोग बस्तर जिले में नहीं हो पा रहा है.


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ऑफलाइन में धांधली की मिलती है शिकायत


खाद विभाग के अधिकारी अजय यादव का कहना है कि जहां इस तरह की समस्या जा रही है उन जगहों पर ऑफलाइन राशन वितरण करने को कहा गया है. साथ ही संबंधित नेटवर्क कंपनियों से भी नेटवर्क समस्या को दूर करने के लिए पत्र लिखा गया है. इधर ऑफलाइन राशन वितरण को लेकर पहले लाभार्थियों ने कई बार शिकायत कर चुके हैं. उनका कहना है कि राशन विक्रेता ऑफलाइन राशन वितरण में धांधली करते हैं ऐसे में डिजिटल प्रणाली से उन्हें पूरा राशन मिलता है. साथ ही पारदर्शिता भी रहता है. ऐसे में वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द नेटवर्क की समस्या दूर हो और उन्हें सरकार की ओर से मिलने वाला राशन पूरे पारदर्शिता के साथ वितरित किया जाए.


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