Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा गर्भवती महिलाओं और बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. खराब गेहूं से रेडी टू ईट तैयार करने का मामला उजागर होने के बाद कलेक्टर ने जांच की बात कही है. दरअसल, सुपोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट दिया जाता है. लेकिन महिला बाल विकास विभाग की लापरवाही के कारण सड़े और कीड़े पड़े गेहूं से रेडी टू ईट तैयार किया जा रहा है. मामला जगदलपुर शहर के संतोषी वार्ड स्थित पीडीएस की दुकान का है.


घटिया गेहूं से तैयार किया जा रहा रेडी टू ईट


संतोषी वार्ड की पीडीएस दुकान में लगभग 15 क्विंटल गेहूं कई महीनों से स्टॉक में पड़े रहने के कारण बदबूदार और खराब हो चुके थे. बावजूद इसके जिम्मेदारों ने नजरअंदाज करते हुए गेहूं को भूनने के लिए आड़ावाल भेजवा दिया. उसके बाद चक्की में पिसवा कर स्व सहायता समूह से रेडी टू इट बनवाया गया. फिर रेडी टू ईट को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को परोसा जाने लगा. आरोप है कि महिला बाल विकास विभाग ने पीडीएस दुकानों में स्टॉक पड़े गेहूं की गुणवत्ता की जांच वर्षों से नहीं की है और ना ही रेडी टू ईट बनाने की प्रक्रिया से वाकिफ है.


कलेक्टर ने मामले में जांच का दिया आश्वासन


बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने कहा कि राज्य शासन बस्तर में सुपोषण अभियान के तहत लाखों रुपए खर्च कर रही है. कुपोषण मुक्त बस्तर बनाने के लिए गर्भवती महिला और कुपोषित बच्चों को पोषण आहार दिए जाने के निर्देश दिए हैं. अगर लापरवाही का मामला सामने आया है तो निश्चित तौर जांच के बाद संबंधित लोगों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी. गौरतलब है कि बस्तर में  सुपोषण अभियान के लिए राज्य शासन ने बकायदा दो विभागों को जिम्मेदारी दी है. लेकिन गेहूं और रेडी टू ईट तैयार करने की अन्य सामग्रियों में जांच पड़ताल नहीं करने के कारण गर्भवती महिलाओं और बच्चों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है. 


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