एक्सप्लोरर

Chhattisgarh: बस्तर में 21 दिन बाद दफनाया गया पादरी का शव, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुआ अंतिम संस्कार

Bastar News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बस्तर जिले में 7 जनवरी से मॉर्चुरी में रखे पादरी के शव के अंतिम संस्कार के संबंध में खंडित फैसले के बाद पड़ोसी गांव में दफनाने का आदेश सुनाया.

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में सात जनवरी से मॉर्चुरी में रखे एक पादरी के शव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दफना दिया गया. तीन हफ्ते तक वैधानिक लड़ाई लड़ने के बाद पादरी के बेटे रमेश बघेल ने सोमवार को पिता के शव को पैतृक स्थान छिंदवाड़ा गांव से लगभग 25 किलोमीटर दूर करकापाल गांव के एक ईसाई कब्रिस्तान में दफनाया. यह विवाद सात जनवरी को छिंदवाड़ा गांव में पादरी सुभाष बघेल की उम्र संबंधी बीमारियों से मौत के बाद शुरू हुआ था.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पादरी के अंतिम संस्कार के संबंध में खंडित फैसले के बाद उसे पड़ोसी गांव में ईसाइयों के लिए निर्दिष्ट स्थान पर दफनाने का आदेश सुनाया. इस दौरान न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने कहा कि पादरी को परिवार की निजी कृषि भूमि पर दफनाया जाना चाहिए, लेकिन न्यायमूर्ति सतीशचंद्र शर्मा ने कहा कि शव को छत्तीसगढ़ में उनके गांव से दूर एक निर्दिष्ट स्थान पर दफनाया जाना चाहिए.

कोर्ट ने क्या कहा?
बेंच ने कहा, सदस्यों के बीच अपीलकर्ता के पिता के अंतिम संस्कार के स्थान को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई. पादरी का शव सात जनवरी से मॉर्चुरी में रखे होने और जल्द और सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी करने पर सहमति व्यक्त की. कोर्ट ने अपीलकर्ता को निर्देश दिया कि वह अपने पिता का अंतिम संस्कार करकापाल गांव के कब्रिस्तान में करें. 

शीर्ष अदालत ने रमेश बघेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने रमेश के पिता के शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाने के अनुरोध संबंधी उनकी याचिका का निपटारा कर दिया था. फैसले को लेकर पादरी के बेटे रमेश बघेल ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करता हूं. मैं फैसले से परे नहीं जा सकता. मैं सुप्रीम कोर्ट तक गया, लेकिन मेरी सारी कोशिशें बेकार गईं.

कुछ लोगों ने ग्रामीणों को भड़का दिया- याचिकाकर्ता
कोर्ट ने वही फैसला सुनाया जो गांव वाले कह रहे थे. बघेल ने एक न्यूज चैनल से कहा कि यह मेरे साथ अन्याय है. करीब डेढ़ से दो साल पहले गांव में सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक कुछ लोगों ने ग्रामीणों को भड़का दिया, जिन्होंने मेरे पिता को गांव में दफनाने पर आपत्ति जताई. यह मेरे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन था. मैं उनकी आपत्ति के खिलाफ कोर्ट में गया. यह मेरी जीत या हार के बारे में नहीं है. यह मानवता की हार है.

रमेश ने कहा कि ग्रामीणों ने ईसाई समुदाय से संबंधित लोगों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है, उनकी दुकानों से सामान खरीदना बंद कर दिया है और उनके खेतों में काम करना बंद कर दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसे यह देखकर दुख हुआ कि छत्तीसगढ़ के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति को अपने पिता के शव को ईसाई रीति-रिवाजों के अनुसार दफनाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा, क्योंकि अधिकारी इस मुद्दे को सुलझाने में विफल रहे.

ग्राम पंचायत ने दी है कब्रिस्तान के लिए जगह
रमेश के अनुसार, छिंदवाड़ा गांव में एक कब्रिस्तान था जिसे ग्राम पंचायत ने शवों को दफनाने और दाह संस्कार के लिए मौखिक तौर पर आवंटित किया था. कब्रिस्तान में आदिवासियों के दफनाने, हिंदू धर्म के लोगों को दफनाने या उनका दाह संस्कार करने के अलावा ईसाई समुदाय के लोगों के लिए अलग-अलग क्षेत्र निर्धारित किए गए थे. ईसाइयों के लिए निर्दिष्ट क्षेत्र में रमेश की चाची और दादा को इसी गांव के कब्रिस्तान में दफनाया गया था.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्य पादरी के पार्थिव शरीर को कब्रिस्तान में ईसाई लोगों के लिए निर्दिष्ट क्षेत्र में दफनाना चाहते थे. लेकिन यह बात सुनकर कुछ ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध किया और याचिकाकर्ता और उसके परिवार को इस भूमि पर याचिकाकर्ता के पिता को दफनाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. वे याचिकाकर्ता के परिवार को उसके निजी स्वामित्व वाली भूमि पर शव को दफनाने की भी अनुमति नहीं दे रहे हैं.

याचिकाकर्ता में पुलिस पर लगाया ये आरोप
रमेश बघेल के अनुसार, ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में किसी ईसाई को दफनाया नहीं जा सकता, चाहे वह गांव का कब्रिस्तान हो या निजी जमीन. उन्होंने कहा कि जब गांव वाले हिंसक हो गए, तो याचिकाकर्ता के परिवार ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद 30-35 पुलिसकर्मी गांव पहुंचे. पुलिस ने परिवार पर शव को गांव से बाहर ले जाने का दबाव भी बनाया.

इसे भी पढ़ें: जगदलपुर नगर निगम में कांटे की टक्कर, BJP से संजय पांडे और कांग्रेस से मलकीत सिंह के बीच मुकाबला

और देखें
Advertisement
Advertisement
Sun Feb 23, 9:23 am
नई दिल्ली
26.2°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 35%   हवा: WNW 11.3 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
सोनाली बेंद्रे ने पति संग संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का खूबसूरत नजारा, देखें तस्वीरें
सोनाली बेंद्रे ने संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का नजारा
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

'मुझे उम्मीद है कि इंडिया जीतेगा…',Champions Trophy पर  Awadhesh Prasad ने किया भारत की जीत का दावा | ABP NEWSIND vs PAK Match :विराट के परफॉर्मेंस से निराश हुआ ये नन्हा फैन,वजह जानकर हो जायेंगे हैरानIND vs PAK: भारत-पाक के मैच में देश की जीत के लिए लोगों ने किया विजय यज्ञ | ABP NEWSIND vs PAK: ICC Champions Trophy के लिए Dubai में भिड़ेंगे भारत-पाकिस्तान, होगा सबसे बड़ा मुकाबला | ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
सोनाली बेंद्रे ने पति संग संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का खूबसूरत नजारा, देखें तस्वीरें
सोनाली बेंद्रे ने संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का नजारा
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
IND vs PAK Dubai: भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने बदली प्लेइंग 11, टीम का दिग्गज खिलाड़ी हुआ बाहर
भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने बदली प्लेइंग 11, टीम का दिग्गज खिलाड़ी हुआ बाहर
मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव में क्या है अंतर, किसकी कितनी होती है पॉवर?
मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव में क्या है अंतर, किसकी कितनी होती है पॉवर?
NTA ने जारी किया UGC NET 2024 का परीक्षा परिणाम! यहां देखें रिजल्ट और कट-ऑफ
NTA ने जारी किया UGC NET 2024 का परीक्षा परिणाम! यहां देखें रिजल्ट और कट-ऑफ
एक परिवार में कितने लोगों का बन सकता है आयुष्मान कार्ड? जान लें काम की बात
एक परिवार में कितने लोगों का बन सकता है आयुष्मान कार्ड? जान लें काम की बात
Embed widget