Private School Fees Hike in Bastar: बस्तर में  सरकारी आदेश के बावजूद निजी स्कूलों ने मनमानी फीस बढ़ा दी है. शासन ने स्पष्ट तौर पर आदेश जारी कर निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से रोक दिया था. आदेश में कहा गया था कि बगैर जिला शिक्षा समिति की अनुमति के निजी स्कूल प्रबंधन फीस वृद्धि ना करे. कलेक्टर को आदेश के उल्लंघन करनेवाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया था. इसके बावजूद शहर के कई निजी स्कूलों ने फीस मनमाने तरीके से बढ़ा दिया है. कुछ स्कूलों में छात्रों को अलग-अलग तीन ड्रेस के लिए भी बाध्य किया जा रहा है.


15 प्रतिशत बढ़ी निजी स्कूलों में फीस 


पालकों का कहना है कि कोरोना संकट के कारण पिछले 2 साल से स्कूल पूरी तरह से बंद रहे. इस दौरान सभी वर्ग के लोग तरह-तरह से आर्थिक दिक्कतों का सामना कर चुके हैं और निश्चित तौर पर स्कूल प्रबंधन को भी आर्थिक रूप से नुकसान हुआ है. लेकिन नुकसान को भरने के लिए मनमाने ढंग से फीस में बढ़ोतरी करना भी अनुचित है. पालकों ने बताया कि शहर के कई निजी स्कूलों में 14 से 15 फीसद तक फीस में बढ़ोतरी की गई है. उनका कहना है कि शासन के निर्देशानुसार स्कूल प्रबंधन 5 से 8 फीसद तक फीस वृद्धि कर सकता है. मनमानी फीस बढ़ने से अभिभावकों का भी बजट गड़बड़ा रहा है. पालकों का कहना है  कि 2 वर्ष तक स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों को ड्रेस लेने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन अब अचानक परीक्षा के लिए ड्रेस को अनिवार्य किया जा रहा है. कई बच्चों के मौजूदा ड्रेस छोटे हो चुके हैं. उन्हें अब सिर्फ परीक्षा के लिए ही नया ड्रेस खरीदना पड़ रहा है. पालकों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 12वीं के छात्रों का ड्रेस आगे काम भी नहीं आना है. 


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कलेक्टर को है कार्रवाई का अधिकार


अधिनियम की धारा 13 के तहत विद्यालय फीस समिति के खिलाफ अपील सुनने का अधिकार जिला समिति को है. अधिनियम की धारा 4 के अनुसार जिला फीस समिति के अध्यक्ष कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी एवं सचिव होते हैं. यानी निजी स्कूलों के मनमाने तरीके से बढ़ाई गई फीस को अधिनियम में पर्याप्त अधिकार प्राप्त है. कलेक्टर नियम के अनुसार कार्रवाई कर सकते हैं. 


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