Chhattisgarh News: बस्तर में तेंदू के फल से बने आइसक्रीम के लोग हुए दीवाने, CM बघेल ने भी लिया स्वाद
Dantewada News: इस आइसक्रीम को सी-मार्ट और इसकी मार्केटिंग करने के लिए पहले लोकल स्तर पर इसकी बिक्री की जाएगी. साथ ही ग्रामीण महिलाओं को आइसक्रीम बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
Bastar Tendu Ice Cream: छत्तीसगढ़ में तेंदू पत्ता को हरा सोना भी कहा जाता है, क्योंकि हर साल इस तेंदू पत्ता को दूसरे राज्यो के ठेकेदारों को बेचकर सरकार को करोड़ों रुपये की कमाई होती है. बस्तर के हजारों आदिवासी परिवारों के लिए तेंदू पत्ता की तोड़ाई आय का मुख्य स्रोत भी है, लेकिन अब इस साल तेंदूपत्ता के साथ-साथ तेंदू का फल भी ग्रामीणों के लिए आय का स्त्रोत बनने वाली है. ग्रामीण हमेशा से ही तेंदू के फलों तोड़कर छोटे-छोटे बाजारों में बेचते थे, लेकिन अब दंतेवाड़ा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और दंतेवाड़ा कृषि विज्ञान केंद्र ने तेंदू के फल से आइसक्रीम बनाने पर रिसर्च किया. प्रायोगिक तौर पर आइसक्रीम बनाया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने दंतेवाड़ा में तेंदू के फल से बनी आइसक्रीम के स्वाद को चखा और जमकर इसकी तारीफ की.
ग्रामीणों महिलाओं को मिलेगा लाभ
दंतेवाड़ा के कलेक्टर विनीत नंदनवार ने बताया कि जिला प्रशासन के नवाचार पहल से बस्तर में पाए जाने वनोपज को लेकर लगातार नए प्रोडक्ट तैयार करने के लिए इंदिरा गांधी कृषि महाविद्यालय और दंतेवाड़ा कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से प्रयोग किए जा रहे हैं. इसी क्रम में तेंदू के फल से आइसक्रीम तैयार किया गया और यह प्रयास काफी सफल रहा. तेंदू फल से बने इस आइसक्रीम का स्वाद चखकर हर कोई इसके दीवाने बन रहे हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने भी इसकी जमकर तारीफ की है, जिसको लेकर अब आगे भी तेंदू फल से आइसक्रीम बनाकर सी-मार्ट और इसकी मार्केटिंग करने के लिए पहले लोकल स्तर पर इसकी बिक्री की जाएगी.
हालांकि इसके लिए कलेक्टर ने समय लगने की बात कही है, लेकिन जिस तरह से इसका स्वाद चखकर लोगों से फीडबैक मिल रहा है, इससे तेंदू के फल से बनने वाली आइसक्रीम मार्केट में धूम मचा सकती है. कलेक्टर ने कहा कि इससे ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा. छोटे-छोटे बाजारों में काफी कम कीमत पर तेंदू के फल खाने के लिए मिल जाते थे, लेकिन इसका भी अब ग्रामीणों के माध्यम से संग्रहण किया जाएगा. तेंदू के क्वालिटी के हिसाब से ग्रामीण महिलाओं से इसकी खरीदी की जाएगी. साथ ही ग्रामीण महिलाओं को आइसक्रीम बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से किया जा रहा तैयार
दंतेवाड़ा कृषि विज्ञान केंद्र के डीन ने बताया कि ताजा पके तेंदू फल को सुरक्षित रखने का समय बहुत कम होता है. अगर ताजे फल के गुदा को फल से अलग कर माइनस 20 या 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखते हैं, तो पूरे साल भर तेंदू फल का स्वाद लिया जा सकता है. इसी के तहत कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा तेंदू फल के लिए प्रोसेसिंग यूनिट डालकर आइसक्रीम और तेंदू शेक बनाने का रिसर्च कार्य शुरू किया गया है और यह काफी सफल साबित भी हो रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि तेंदू फल में किए गए रिसर्च के अनुसार तेंदू फल एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट और रेशे का अच्छा स्त्रोत के साथ ह्रदय रोग के लिए लाभदायक है. साथ ही मधुमेह को भी नियंत्रण करने में काफी सहायक होता है. साथ ही इस फल में मिनरल्स और अच्छी मात्रा में पोटेशियम, कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन-सी पाया जाता है.
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