Bastar News: आरक्षण में बढ़ोतरी करने पर बस्तर में बीजेपी ने फिर से कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस पर छत्तीसगढ़िया समाज के सभी वर्गों को छलने का आरोप लगाया है. केदार कश्यप का कहना है कि कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या विधानसभा का विशेष सत्र के तुरंत बाद आदिवासियों का नौकरी मिलने लग जाएगी. क्या एमबीबीएस में इस साल जनजाति वर्ग के 104 बच्चों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाया जाएगा और क्या रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया 3 दिसंबर से शुरू हो जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस फिर से आदिवासियों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज गुमराह नहीं होगा.


आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी-कांग्रेस में जंग


उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सरकार केवल राजनीतिक छल कपट करना जानती है. आदिवासी आरक्षण के खिलाफ पिटीशन लगानेवालों को कांग्रेस सरकार पुरस्कृत करती है और सत्ता की मलाई खिलाती है. पूर्व मंत्री  केदार कश्यप ने आगे कहा कि आदिवासी आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर करनेवाले को भूपेश बघेल सरकार ने आयोग का अध्यक्ष बनाकर पुरस्कृत किया. कांग्रेस ओबीसी वर्ग के साथ भी विश्वासघात कर रही है. OBC वर्ग से 27 फीसद आरक्षण का वादा किया और अपने ही आदमी से इसके खिलाफ चुनौती पेश करवा दी. 


उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर हाईकोर्ट से स्टे लगवानेवाले भूपेश सरकार राज्यमंत्री का दर्जा दे चुके है. केदार कश्यप के वार पर इंद्रावती प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और बस्तर कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में आरक्षण के मुद्दे पर बड़ा फैसला लिए जाने से बीजेपी के लोग घबराए हुए हैं. आदिवासियों को आरक्षण के मुद्दे पर गुमराह कर राजनीति रोटी सेंकी जा रही थी, लेकिन कैबिनेट के फैसला लेने से अब बीजेपी का आंदोलन बंद हो गया है.




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आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में माहौल गर्म


ऐसे में भाजपा के नेता मुद्दाविहीन हो गए हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को अनर्गल बयान से गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. राजीव शर्मा ने कहा कि बस्तर के आदिवासी शिक्षित हैं. ऐसे में उनको पता है कि आरक्षण के तहत सभी सरकारी भर्ती प्रक्रिया में और अन्य विषयों में पहली प्राथमिकता दी जाती है.


अब भाजपा के लोगों की गुमराह करने वाली बातों में नहीं आएंगे. आदिवासियों को पूरा आरक्षण का लाभ मिलने के साथ ही  सभी भर्ती प्रक्रिया में भी जरूर प्राथमिकता मिलेगी. गौरतलब है कि आरक्षण में कटौती पर पहले ही आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में माहौल गर्म है. बीजेपी चुनावी मुद्दा बनाते हुए पिछले कई माह से नेशनल हाईवे जाम कर जगह जगह धरना प्रदर्शन भी कर रही है.