Bastar News: धर्मांतरण के विरोध में आगे आया राजपरिवार, राजकुमार कमलचंद भंजदेव ने 'घर वापसी' को लेकर कही ये बात
Bastar Conversion Case: बस्तर के राजकुमार कमल चंद भंजदेव ने बढ़ते धर्मांतरण के मामले को लेकर चिंता जताते हुए बस्तर के सभी आदिवासी समाज के लिए इसे घातक बताया है.
Bastar Conversion Case Latest News: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में बढ़ते धर्मांतरण को लेकर एक तरफ जहां बीजेपी और कांग्रेस में सियासी बवाल मचा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ अब धर्मांतरण के विरोध में राज परिवार भी आगे आया है. बस्तर के राजकुमार कमल चंद भंजदेव ने बढ़ते धर्मांतरण के मामले को लेकर चिंता जताते हुए बस्तर के सभी आदिवासी समाज के लिए इसे घातक बताया है और बढ़ते धर्मांतरण को रोकने अगर ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो बस्तर के आदिवासियों में आपसी लड़ाई की स्थिति उत्पन्न होने का अंदेशा भी बस्तर राजकुमार कमलचंद भंजदेव ने जताया है.
उनका कहना है कि बस्तर में प्रवीरचंद भंजदेव के शासनकाल में कभी भी यहां धर्मांतरण नहीं हुआ, लेकिन पिछले कुछ सालों से बस्तर में तेजी से धर्मांतरण हो रहा है और इसे वर्तमान सरकार के द्वारा नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है.
कमलचंद भंजदेव ने कहा कि बस्तर के तत्कालीन महाराजा स्वर्गीय प्रवीरचंद भंजदेव की पुण्यतिथि के मौके पर सभी मूल धर्म के ग्रामीणों की मौजूदगी में यह फैसला लिया गया है कि जितने लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन किया है उन्हें अपने मूल धर्म में वापस लाना प्रवीरचंद महाराज के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी और उनकी प्रवीर सेना इसके लिए गांव गांव में अभियान भी चला रही है.
पिछले कुछ सालों से तेजी से बढ़ रहे धर्मांतरण के मामले
बस्तर राजकुमार कमलचंद भंजदेव ने कहा कि बस्तर आदिवासियों का गढ़ रहा है. सन 1950 में बस्तर के तत्कालीन महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव ने मिशनरी के कुछ लोगों की बस्तर में मौजूदगी के दौरान चर्च बनाने के लिए लीज में जमीन दी थी और जब तक महाराजा रहे 1966 तक बस्तर में एक भी धर्मांतरण का मामला सामने नहीं आया था, लेकिन पिछले कुछ सालों से बाहरी मिशनरी लोग धीरे-धीरे बस्तर के ऐसे क्षेत्रों को टारगेट बनाकर उन जगहों पर ग्रामीणों का धर्म परिवर्तन कराना शुरू किया जहां शिक्षा,स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं की कमी थी.
उन जगहों पर मिशनरी स्कूल खोलकर और ग्रामीणों की कुछ मूलभूत सुविधा को पूरा कर उन्हें धीरे-धीरे दूसरे धर्म में कन्वर्ट करना शुरू किया, और अब पूरे बस्तर संभाग में तेजी से मिशनरियों ने सैकड़ो की संख्या में आदिवासियों का धर्मान्तरण कर दिया है, जिससे आदिवासियों की परंपरा, संस्कृति, रीति रिवाज खतरे में है. राजकुमार ने कहा कि बस्तर में धर्मांतरण रोकने के लिए विधानसभा में एक बिल लाकर धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के आरक्षण को समाप्त कर देना चाहिए.
जिसने भी अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए, जिससे आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से जितने भी धर्म परिवर्तन करने वाले लोग है वे वापस अपने मूल धर्म में लौट सकते हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी बढ़ते धर्मांतरण के मामले को लेकर पत्र लिखा गया है और संसद में भी इस तरह के बिल लाने की गुजारिश की गई है और धर्मांतरण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई है.
वहीं कमलचंद भंजदेव ने कहा कि उनकी प्रवीर सेना पिछले कई दिनों से गांव गांव में धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को घर वापसी कराने का अभियान भी चला रही है और उन्हें वापस अपने मूल धर्म में लौटने के लिए आह्वान भी कर रही है.
कमलचंद भंजदेव ने बताया कि कई लोगों ने इस अभियान के दौरान घर वापसी भी की है, वहीं उनके साथ साथ उनकी प्रवीर सेना, विभिन्न हिंदू संगठनों और बीजेपी के लोगों के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों का घर वापसी कराया जाए और बस्तर की संस्कृति परंपरा रीति रिवाज को विलुप्त होने से बचाया जाए.
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