Chhattisgarh Monsoon Update: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानसून दस्तक देने वाला है. ऐसे में बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. महादेव घाट पर कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी में एसडीआरएफ की टीम ने मॉक ड्रिल किया. एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उपयोग होने वाले उपकरणों की जांच परख की.


पिछले साल की आपदा से सबक लेते हुए एसडीआरएफ की तैयारी पूरी है. बाढ़ में 6 से अधिक लोगों की जान चली गयी थी. इस बार एसडीआरएफ ने संसाधनों को भी बढ़ाया है.


एसडीआरएफ कमांडेट ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 5 मोटर बोट, 3 अंडर वाटर कैमरा, 50 लाइफ जैकेट, 10 सर्च लाइट सहित अन्य उपकरण हैं. अक्सर बारिश से इंद्रावती नदी के दोनों छोर पर मौजूद गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है.


एसडीआरएफ को बेहद कम समय में रेस्क्यू ऑपरेशन अंजाम देना पड़ता है. ऐसे में मानसून की बारिश से ठीक पहले सारे इंतजाम किए जा रहे हैं. कलेक्टर विजय दयाराम के ने बताया कि आपदा प्रबंधन शाखा ने जिला मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया है.




मानसून में आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल


आपातकालीन स्थिति के लिए मोबाइल नंबर भी जारी कर दिया गया है. खासकर डुबान क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है. इंद्रावती नदी से सटे इलाकों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. राहत शिविर को भी पहले से चिन्हांकित करने के निर्देश राजस्व विभाग को दिए गए हैं. बस्तर संभाग के 7 जिलों में बाढ़ से निपटने की व्यापकर तैयारी है. प्रशासन ने कंट्रोल रूम के नंबर भी जारी किए हैं. तहसील स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा गया है.




एसडीआरएफ ने डूबते 16 लोगों का रेस्क्यू किया


आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में चिकित्सा कॉम्बैट टीम गठित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. मॉक ड्रिल के दौरान एसडीआरएफ की टीम ने महादेव घाट में डूबते 16 लोगों का रेस्क्यू किया. बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए वर्षामापी यंत्रों की जांच कर चालू स्थिति में रखे जाने, मोटर बोट की उपलब्धता, लाइफ जैकेट, रस्सा, टॉर्च की व्यवस्था, प्रशिक्षित गोताखोर और तैराकों का पहले से अलर्ट में रखे गए हैं. 


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